पाणाजी, मंगलवार, 8 मई 2018 (ऊकान)˸ गोवा की कलीसिया के नेता संघ सरकार की योजना से परेशान हैं, जो "विरासत को अपनाने" की नई पर्यटन परियोजना के तहत प्राचीन धार्मिक स्थलों के रखरखाव के लिए, निजी कंपनियों को देने की योजना बना रही है।
हिंदू भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा संचालित सरकार द्वारा पिछले सितंबर माह में शुरू की गई परियोजना, पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए भारत भर में विरासत स्थलों को निजी फर्मों को सौंपने की योजना बना रही है।
स्थानीय पत्रकारों ने बतलाया कि स्थानीय पुर्तगाली कॉलोनी गोवा में छह ऐतिहासिक स्थल हैं उनमें से एक है संत फ्रांसिस जेवियर का अवशेष रखा जाने वाला बोम जीसस महागिरजाघर, जिसे भी निजी क्षेत्र को सौंप देने की सूची में शामिल किया गया है जबकि इसके लिए राज्य सरकार से कोई परामर्श नहीं किया गया है।
राज्य अभिलेखागार मंत्री विजय सरदेसाई ने कहा कि राज्य सरकार, जो बीजेपी द्वारा संचालित है, उसे इस योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है।
16वीं शताब्दी पुराना गोवा का स्थान जो पुर्तगाली प्रमुख शहर था उसकी सम्पति राज्य की संम्पति है तथा कलीसिया उसकी देखभाल करती है।
योजना के बारे पत्रकारों से खबर सुन कलीसिया के नेता परेशान हैं। राखोल मेजर सेमिनरी के दर्शनशास्त्र के प्राध्यापक फादर विक्टर फेर्राओ ने कहा, "यह जानना मुझे कष्ट देता है कि हमारा धार्मिक स्मारक निजी सम्पति बनाये जाने के खतरे में है, उसके सार्वभौमिक स्वामित्व को अर्थपूर्ण ढंग से कम किया जा रहा है। मैं इस संभावना के बारे में सोच भी नहीं सकता कि पवित्र स्थानों में प्रवेश की कीमत तय की जाएगी।"
राज्य विधानसभा के काथलिक सदस्य एलेक्स रेजिनाल्डो लोरेन्को के मुताबिक, "यह कदम गिरजाघरों की पवित्रता को कम करेगा।"
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता प्रदीप पदगांवकर ने ऊका समाचार को बतलाया कि यह पहल दिखलाता है कि बीजेपी सरकार हमारे स्मारकों की रक्षा नहीं कर सकती और वह उन्हें बाहरी लोगों को बेच देना चाहती है। वह हमारी जमीन, हमारी नदियों और हमारे अधिकारों की रक्षा करने के काबिल नहीं है।
पिछले माह, पर्यटन मंत्रालय ने परियोजना के तहत, नई दिल्ली के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक लाल किला और आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले में गांधीकोटा किला को सौंपने हेतु डालमिया भारत समूह के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।
हालांकि, पर्यटन विशेषज्ञ फ्रांसिस्को डी ब्रैगनका ने ऊका समाचार को बताया कि सरकारों के लिए कॉर्पोरेट सहायता लेने हेतु यह अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास है, किन्तु एजेंसी का चयन करने में "पर्याप्त सुरक्षा उपायों" को शामिल करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, "धार्मिक स्मारकों के संबंध में सावधानी बरतने और परामर्शात्मक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।"
गोवा में कई प्राचीन गिरजाघर हैं, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, जो प्राचीन स्थलों को बनाए रखने के लिए अधिकृत है,उन्होंने कुछ को "मृत स्मारक" घोषित कर दिया है, जहां एक दशक पहले से स्थानीय काथलिकों के विरोध के बावजूद धार्मिक सेवाओं की अनुमति नहीं है।
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