2018-04-27 11:06:00

मानवाधिकार संगठनों ने आसाराम को आजीवन कारावास की सज़ा का किया स्वागत


भोपाल, शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018 (ऊका समाचार): एक भारतीय अदालत द्वारा नाबालिग लड़की से बलात्कार के लिए बाबा आसाराम को मिली उम्र क़ैद पर प्रतिक्रिया दर्शाते हुए भारत के मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं ने कहा है कि इससे न्यायपालिका में लोगों की आस्था को पुनर्जीवित करने में मदद मिल सकती है।

राजस्थान राज्य के जोधपुर शहर की एक विशेष अदालत ने 25 अप्रैल को 77 वर्षीय बाबा आसाराम को सजा सुनाई थी। आसाराम पर झोउपुर के पास मणई गांव स्थित अपने कथित आध्यात्मिक केंद्र में 16 वर्षीय लड़की से बलात्कार करने का आरोप है।  

जोधपुर सेंट्रल जेल के अंदर फैसला सुनाया गया जहां आसाराम को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है। आसाराम के कई अनुयायियों से हिंसक विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए गुजरात और मध्य प्रदेश के आस-पास के राज्यों में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।

राजस्थान में सेवारत अजमेर मिशन सिस्टर्स की वकील एवं समाजसेविका सि. कैरल गीता ने कहा, "यह फ़ैसला अनेक लड़कियों एवं उनके माता पिता के लिये प्रोत्साहन का स्रोत हो सकता है जो सामाजिक कलंक एवं अन्य चिन्ताओं के कारण बलात्कार जैसी घटनाओं की रिपोर्ट पुलिस में करने से डरते हैं।"

आसाराम बाबा पर एक नाबालिग लड़की के बलात्कार, लोगों को अनुचित रूप से बन्दी बनाने, आपराधिक धमकी देने, आपराधिक षड्यंत्र रचने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। बाबा ने सभी आरोपों से इनकार कर मामले को बर्खास्त करने की मांग की है।

2013 में आसाराम को इंदौर में गिरफ़्तार किया गया था। गिरफ़्तारी के बाद आसाराम के समर्थकों ने भारी हंगामा और विरोध प्रदर्शन किया था।








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