2018-04-23 16:32:00

पुनर्जीवित प्रभु के शिष्यों के रूप में हमारी पहचान की खोज


वाटिकन सिटी, सोमवार 23 अप्रैल 2018 (वीआर,रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 22 अप्रैल को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ करने के पहले हजारों की संख्या में उपस्थित देश विदेश से आये विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को संबोधित कर कहा, “आज की धर्मविधि हमें पुनर्जिवित प्रभु के शिष्य के रुप में अपनी पहचान की खोज करने में मदद करती है।”  

पास्का के चौथे रविवार के लिए प्रेरित चरित से लिए गये पहले पाठ पर चिंतन करते हुए संत पापा ने कहा कि संत पेत्रुस ने सबके सामने घोषित किया कि "येसु के नाम पर" उसने इस अपंग व्यक्ति को चंगा किया, क्योंकि येसु के सिवा "किसी और के द्वारा कोई मुक्ति नहीं है।"

संत पापा ने कहा कि उस चंगे हुए व्यक्ति में हम अपने को और  हमारे समुदाय को देखते हैं। हम सब अपनी आध्यत्मिक कमजोरियों से निजात पा सकते हैं, “जब हम पुनर्जीवित प्रभु में अपने आप को समर्पित करें।”

संत पापा ने पूछा, चंगा करने बाले येसु कौन हैं? इसका जवाब आज को सुसमाचार पाठ में हम पाते हैं। येसु कहते हैं,“भला चरवाहा में हूँ। भला चरवाहा अपनी भेड़ों के लिए अपने प्राण निछावर कर देता है।” निश्चित रुप से येसु ने हमारे लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया। वे हमारे सर्वोच भले चरवाहे हैं।

सुसमाचार का दूसरा भाग, हमें उस रिश्ते दिखाता है जो हमारे और प्रभु के बीच होना चाहिए। येसु कहते है, "मैं भला चरवाहा हूँ," मैं अपनों को जानता हूँ, और वे भी मुझे जानते हैं, जैसे पिता मुझे जानता है और मैं पिता को जानता हूँ। संत पापा ने कहा, "यह केवल बौद्धिक ज्ञान नहीं है, बल्कि एक व्यक्तिगत संबंध, पिता और पुत्र के बीच प्यार को प्रतिबिंब करता है। येसु हमारे दिल की गहराइयों में हमें गहराई से जानते है और बदले में हम येसु को जानने के लिए बुलाए जाते हैं।

संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "येसु के साथ मुलाकात करने की प्रवृति हमें उनका अनुसरण करने की इच्छा बढ़ाता है और मसीह द्वारा दिखाये नए मार्गों में साथ चलने के लिए स्वयं को संदर्भित करता है।" साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हमारा समुदाय येसु का अनुसरण के प्रति ठंढा है तो हम "सोच और जीवन के नए तरीकों" में आ जाएंगे, जो सुसमाचार के अनुरूप नहीं हैं।

इतना इतना कहने के बाद संत पापा ने विश्वासी समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया और सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

संत पापा के साथ नव अभिषिक्त पुरोहितों ने भी संत पापा के साथ प्रांगण में एकत्रित विश्वसियों का अभिवादन किया।








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