2018-04-19 15:41:00

आज से तेरह साल पहले संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें बने कलीसिया के परमाध्यक्ष


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 19 मई 2018 (वाटिकन न्यूज)˸ ससम्मान सेवा निवृत संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें की काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष के रूप में चुनाव के 13 साल पूरे हुए।

संत पापा जॉन पौल द्वितीय के निधन के बाद 19 अप्रैल 2005 को वे नये परमाध्यक्ष चुने गये थे। उनका बपतिस्मा नाम जोसेफ रतज़िगर है जिसके स्थान पर उन्होंने अपना नाम बेनेडिक्ट सोलहवें रखा।

19 अप्रैल 2005 को संत पेत्रुस महागिरजाघर का प्राँगण विश्वासियों से भरा था जिन्हें इंतजार था कि संत पापा जॉन पौल द्वितीय जिन्होंने 26 साल, 5 महीना एवं 17 दिन तक कलीसिया का नेतृत्व किया, अब उनके बाद इस कलीसिया के नेतृत्व का बागडोर कौन संभालेगा। 

शाम करीब 5.56 मिनट पर सिस्टीन चैपल से सफेद धुआँ दिखाई पड़ा जहाँ कार्डिनल मंडल, संत पेत्रुस के उत्ताराधिकारी का चुनाव दो दिनों से कॉनक्लेव में भाग लेकर कर रहे थे।

कार्डिनल जोसेफ रतज़िंगर उस समय विश्वास के सिद्धांत हेतु गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के अध्यक्ष थे। कलीसिया के परमाध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्होंने 27 अप्रैल 2005 को अपने प्रथम आमदर्शन समारोह के दौरान, संत पापा बेनेडिक्ट पंद्रवें के साहस की सराहना करते हुए उनके नाम को अपनाने का कारण, युद्ध के समय शांति के प्रति उनका समर्पण बतलाया। साथ ही साथ, उन्होंने यूरोप के संरक्षक नोर्चा के संत बेनेडिक्ट के नाम पर अपना नाम बेनेडिक्ट सोलहवें रखने की बात कही।

अपने पहले भाषण में उन्होंने अपने आपको, "प्रभु की दाखबारी में काम करने वाला एक साधारण एवं दीन मजदूर बतलाया था।" उन्होंने कहा था कि उन्हें प्रभु पर पूर्ण भरोसा है कि वे इस आयोग्य मध्यस्थ द्वारा अपना कार्य करेंगे। अंत में उन्होंने विश्वासियों से प्रार्थना की अपील की थी। 








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