2018-04-13 11:29:00

यू एन बैठक में वाटिकन अधिकारी ने आप्रवास पर मानव केन्द्रित दृष्टिकोण का किया आह्वान


न्यूयॉर्क, शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018 (रेई,वाटिकन रेडियो): न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक, वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष बेरनारदीतो आऊज़ा ने विश्व के नेताओं का आह्वान किया कि आप्रवास पर वे "अरक्षणीय अल्पकालिक समाधान" के बजाय मानव केन्द्रित दृष्टिकोण अपनायें।

राष्ट्रों के नेताओं से उन्होंने आग्रह किया कि वे "न केवल सीमाओं के प्रबंधन और नियंत्रण सम्बन्धी राज्यों के अधिकारों पर विचार करें, बल्कि आप्रवासियों की प्रवसन स्थिति के बावजूद उनकी गरिमा, उनके मानवाधिकारों और उनकी प्रवासी मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा सम्बन्धी ज़िम्मेदारी को भी याद करें।"

11 अप्रैल को जनसंख्या एवं विकास आयोग की वार्षिक बैठक में महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने प्रतिक्रियावादी नीतियों, जैसे आबादी नियंत्रण या "राष्ट्रीय हित" के संकीर्ण दृष्टिकोण के खिलाफ चेतावनी दी।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा,  "भय पर आधारित असुरक्षित अल्पकालिक समाधान और सीमाओं को बन्द करने हेतु अथवा जनसंख्या नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए जनसांख्यिकी का दुरुपयोग केवल भविष्य में और अधिक कष्टकर संकट पैदा कर सकते हैं।"

उन्होंने दलील दी कि "प्रभावशाली ढंग से अपनी सीमाओं का प्रबंधन करने के इच्छुक किसी भी  राष्ट्र को यह नहीं भूलना चाहिये कि पड़ोसियों का जनकल्याण भी उसकी ज़िम्मेदारी है।" उन्होंने कहा, "नित्य बढ़ते वैश्वीकरण का अर्थ है कि राष्ट्रीय हित के नाम पर किसी भी देश की कार्रवाई सीधे अन्य देशों को प्रभावित करती है।"

जनसंख्या और विकास पर संयुक्त राष्ट्र आयोग के 51 वें सत्र में इस सप्ताह "धारणीय शहर, मानव गतिशीलता और अंतर्राष्ट्रीय आप्रवास"  पर चर्चा की गई।

वाटिकन के प्रतिनिधि ने कहा कि भविष्य में विश्वव्यापी आप्रवास को और अधिक धारणीय बनाने के लिये शिक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, रोज़गार, एवं सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित्त कर मानवाधिकारों के अतिक्रमण के विरुद्ध अनवरत संघर्ष नितान्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सबके लिये समृद्धि, शांति एवं सुरक्षा की स्थापना सभी राष्ट्रों का दायित्व है।








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