2018-04-11 16:33:00

स्कूल बस दुर्घटना के शिकार बच्चों के प्रति भारतीय धर्माध्यक्षों की संवेदना


नुरपुर, बुधवार 11 अप्रैल 2018 ( वीआर, रेई) : उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश जिला में एक स्कूल बस के गहरी खाई में गिर जाने से करीब 30 बच्चों की मौत हो गई।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षों ने हिमालय की तलहटी में स्कूल बस दुर्घटना के शिकार बच्चों के लिए अपना शोक प्रकट किया, जिसमें कम से कम 30 लोग मारे गए थे, ज्यादातर बच्चे थे।

यह घटना हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से करीब 325 किलो मीटर कांगड़ा जिले के नूरपूर में हुई। सोमवार को राम सिंह पठानिया मेमोरियल स्कूल की बस मलकवाल के पास करीब 60 मीटर गहरी खाई में गिर गई थी। बस में 40 विद्यार्थी सवार थे।

पुलिस की सूचनानुसार प्रारंभिक रिपोर्टों में बताया गया कि जब बस चालक ने घाटी के किनारे वाहन का नियंत्रण खो दिया और बस नीचे गहरी खाई पर गिरी।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षों की संवेदना

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीआई) ने इस त्रासदी पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। सीबीसीआई के महासचिव धर्माध्यक्ष थेओदोर मस्करेन्हास ने वाटिकन न्यूज़ से बात की।

धर्माध्यक्षों की ओर से उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए "बहुत दुःख का दिन है।" उन्होंने कहा कि ज्यादातर बच्चे 10 वर्ष से कम उम्र के थे, उन्हें बड़ा करने की तमन्ना उनके माता पिता को थी।

धर्माध्यक्ष ने सभी परिवारों को संवेदना और निकटता व्यक्त की और प्रार्थना की कि ईश्वर इन बच्चों को अपनी बाहों में ले लें।"

धर्माध्यक्ष मस्करेंहास ने खेद प्रकट करते हुए कहा कि भारत में लगातार सड़क दुर्घटनाओं से कई लोगों की ज़िंदगी खतम हो जाती हैं। बहुधा सड़क सुरक्षा नियमों की उपेक्षा की जाती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि बच्चों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार कुछ करेगी।

धर्माध्यक्ष ने भारत में स्वास्थ्य सेवा की खराब स्थिति पर भी खेद प्रकट किया, क्योंकि हिमाचल प्रदेश में अपर्याप्त अस्पतालों के कारण कई घायल बच्चों को पास के राज्य पंजाब में ले जाना पड़ा।

प्रधान मंत्री का दुःख

 सोमवार को, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर अपना दुःख व्यक्त किया। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा था "हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में बस दुर्घटना के चलते अनेकों की मौत से मुझे बहुत दुःख हो रहा है। मेरी प्रार्थना और संवेदना उन लोगों के साथ है जिन्होंने दुर्घटना में अपने करीबी और प्रियजनों को खो दिया है।"

उन्होंने दुर्घटना में मारे गये लोगों के रिश्तेदारों के लिए 2 लाख रुपये और दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 50,000 रुपये अनुग्रह की भी घोषणा की।

हादसे में 27 लोगों की जान गई है जिनमें 23 बच्चे, बस ड्राइवर, दो अध्यापक और एक अन्य महिला शामिल हैं। मरने वालों में खागड़ा गांव के 16 बच्चे थे।

सात बच्चों का पठानकोट के अस्पताल में और चार बच्चों का नूरपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है।








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