2018-04-02 16:15:00

संत पापा ने ख्रीस्तीयों से भ्रातृत्व एवं साझा करने की अपील की


वाटिकन सिटी, सोमवार, 2 अप्रैल 2018 (रेई)˸ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में, पास्का पर्व के दूसरे दिन, सोमवार को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया। स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व उन्होंने उपस्थित विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, "अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।"

पास्का के बाद वाले सोमवार को, "स्वर्गदूत का सोमवार" कहा जाता है, जो एक सुन्दर परम्परा के तहत पुनरूत्थान पर बाइबिल के स्रोत से मेल खाता है। वास्तव में, सुसमाचार वर्णन करता है (मती.28: 1-10, मार.16: 1-7, लूक. 24: 1-12) कि जब महिलाएँ कब्र गयीं तो उन्होंने कब्र को खुला पाया, वे डर गयीं और अंदर प्रवेश नहीं कीं। जिस कब्र को एक विशाल पत्थर से बंद कर दिया गया था, वह अब खुला था और अंदर से एक आवाज आयी कि येसु वहाँ नहीं हैं बल्कि जी उठे हैं।"

संत पापा ने कहा, "इन शब्दों का उच्चारण पहली बार किया गया, "वे जी उठे हैं"। सुसमाचार लेखक हमें बतलाते हैं कि यह पहली घोषणा स्वर्गदूत द्वारा दी गयी जो ईश्वर के संदेशवाहक हैं। स्वर्गदूतों के वहाँ उपस्थित होने का अर्थ है- कि जिसतरह शब्द के शरीरधारण की घोषणा स्वर्गदूत गाब्रिएल द्वारा की गयी थी, उसी तरह पुनरूत्थान की पहली घोषणा के लिए भी मानव के शब्द काफी नहीं थे। अतः चौंकाने वाली एवं अत्यन्त अविश्वसनीय सच्चाई की घोषणा मानव से श्रेष्ठ प्राणी द्वारा की गयी जिसको करने का साहस शायद ही कोई व्यक्ति करता। इस प्रथम घोषणा के उपरांत प्रेरितों का समुदाय प्रचार करना आरम्भ किया, "प्रभु सचमुच जी उठे हैं तथा सिमोन को दिखाई दिये हैं।" (लूक. 24:34) किन्तु प्रथम घोषणा के लिए मानवीय बुद्धि से श्रेष्ठ की आवश्यकता पड़ी।

संत पापा ने कहा, "आज उत्सव का दिन है परिवार के साथ आनन्द मनाने का दिन। पास्का पर्व मनाने के बाद हम पुनः अपने प्रियजनों एवं मित्रों के साथ एकत्रित होना चाहते हैं क्योंकि भ्रातृत्व ख्रीस्त के पास्का का फल है जिन्होंने अपनी मृत्यु एवं पुनरूत्थान द्वारा पाप पर विजय पाया है जिसने मानव को, ईश्वर, अपने आप एवं अपने भाई-बहनों से अलग कर दिया था। येसु ने विभाजन की दीवार को तोड़ दिया तथा शांति को पुनः स्थापित किया और एक नए बिरादरी का निर्माण किया।"  

संत पापा ने कहा कि हमारे समय में भाईचारा को खोजना अति आवश्यक है जैसा कि आरम्भिक ख्रीस्तीय समुदाय में था। एक सच्चे समुदाय का निर्माण, सार्वजनिक संसाधनों के प्रति प्रतिबद्धता एवं सामाजिक न्याय की स्थापना तब तक नहीं हो सकती जब तक कि भाईचारा एवं आपसी आदान-प्रदान न हो। बिना भाईचारा पूर्ण आदान-प्रदान के, एक सच्ची कलीसिया अथवा सच्चे समाज का निर्माण नहीं किया जा सकता। यह केवल लोगों का दल बन कर रह जाएगा जो उनके व्यक्तिगत फायदा के लिए होगा।       

ख्रीस्त के पास्का ने विश्व में संवाद एवं संबंधों को नवीन रूप प्रदान किया है, एक ऐसा नयापन जो ख्रीस्ीख्रसीतीयों के लिए सकता।   स्थापित किया है  द्वारा पाप पर विजय पाये हेतीयों के लिए उत्तरदायित्व बन गया है। येसु ने कहा था, "यदि तुम एक दूसरे को प्यार करोगे, तो उसी से सब लोग जान जायेंगे कि तुम मेरे शिष्य हो।"  (यो.13:35) यही कारण है कि हम अपने आप में अथवा हमारे दलों में सीमित होकर नहीं रह सकते बल्कि हम सार्वजनिक हितों की देखभाल करने, अपने भाई-बहनों की चिंता करने के लिए बुलाये गये हैं, विशेषकर, सबसे कमजोर एवं हाशिये पर जीवन यापन करने वाले लोगों की। केवल भाईचारा ही स्थायी शांति की गारंटी दे सकता है, गरीबी का सामना कर सकता, तनाव एवं युद्ध को नष्ट कर सकता तथा भ्रष्टाचार एवं अपराध को मिटा सकता है।    

संत पापा ने माता मरियम से प्रार्थना करते हुए कहा कि धन्य कुँवारी मरियम जिन्हें हम स्वर्ग की रानी कहकर पुकारते हैं, पास्का के इस काल में, अपनी प्रार्थना द्वारा हमारी सहयता करे ताकि पास्का के इस समय में भाईचारा एवं एकता का एहसास हमारी जीवन शैली एवं हमारी आत्मा का संबंध बन जाए।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

स्वर्ग की रानी प्रार्थना के उपरांत उन्होंने देश-विदेश से एकत्रित सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया।

उन्होंने कहा, "पास्का के इस महौल में आज के दिन को महत्वपूर्ण बनाने वाले, आप सभी परिवारों, पल्लियों, संगठनों एवं तीर्थयात्रियों का हार्दिक अभिवादन करता हूँ जो इटली एवं विश्व के विभिन्न हिस्सों से आये हैं।

मैं आप सभी को शुभकामनाएँ देता हूँ कि आप पास्का के इस अठवारे को शांति से व्यतीत करें जिसमें ख्रीस्त के पुनरूत्थान का आनन्द लम्बे समय तक बना रहे। जी उठे ख्रीस्त की शांति का साक्ष्य देने में हर अवसर का लाभ उठायें, खासकर, सबसे कमजोर एवं वंचित लोगों का ख्याल रखने के द्वारा।

संत पापा ने ऑटिज़म या स्वालीनता की बीमारी के प्रति जागरूकता लाने हेतु स्थापित विश्व दिवस पर अपनी प्रार्थना का आश्वासन देते हुए कहा, "मैं ऑटिज़म की बीमारी के प्रति जागरूकता लाने के लिए विश्व दिवस पर अपनी विशेष प्रार्थना का आश्वासन देता हूँ। जिसको आज मनाया जा रहा है।"  

संत पापा ने शांति हेतु प्रार्थना करने की प्रेरणा देते हुए कहा, "हम समस्त विश्व में शांति की कृपा के लिए प्रार्थना करें, विशेषकर, उन लोगों के लिए जो संघर्ष के कारण पीड़ित हैं।" संत पापा ने उन लोगों के लिए अपनी अपील दुहरायी जो अपहरण के शिकार हैं अथवा स्वतंत्रता से वंचित हैं कि उन्हें रिहा कर दिया जाए तथा उन्हें घर वापस आने दिया जाए।  

अंत में, उन्होंने सभी से प्रार्थना का आग्रह करते हुए मंगलमय पास्का सोमवार की शुभकामनाएँ अर्पित की।  








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