2018-03-31 15:52:00

पवित्र शुक्रवार को क्रूस रास्ता धर्मविधि के दौरान संत पापा की प्रार्थना


रोम, शनिवार 31 मार्च 2018 (वीआर, रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने रोम के ऐतिहासिक स्मारक कोलोसेयुम में करीब 20 हजार विश्वासियों को साथ पवित्र शुक्रवार की रात्रि को क्रूस मार्ग यात्रा की धर्मविधि का अनुष्ठान किया। इसकी शुरुआत 18 वीं शताब्दी में संत पापा बेनेदिक्त XIV द्वारा की गई थी। सन् 1964 में संत पापा पौल छठे के बाद से लगातार आज तक परंपरा को जारी रखा गया है।

इस वर्ष पवित्र क्रूस मार्ग के 14 मुकामों पर चिन्तन इस वर्ष अक्टूबर में होने वाले धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की तैयारी हेतु सम्मेलन में भाग लेने वाले युवाओं ने तैयार किया था।

14 मुकामों की प्रार्थना के बाद में समापन प्रार्थना संत पापा फ्राँसिस ने की। उन्होंने तीन मुख्य बिन्दुओं “शर्मींदगी, पश्चाताप और आशा” को ध्यान में रखते हुए निम्न प्रार्थना की।

हे प्रभु येसु, हम शर्मिदा से भरे, पश्चताप और आशा के साथ आपके सम्मुख आते हैं।

अपने सर्वोच्च प्रेम के सामने, आपको हमारे पापों के लिए दुःख सहने हेतु अकेला छोड़ने के लिए हम शर्मिंदा हैं।

“अगर आपको सबकोई छोड़ दे पर मैं कभी नहीं छोड़ूँगा।” यह बात हम हजार बार भी बोलें, पर परीक्षा की घड़ी में आपसे दूर जाने के लिए हम शर्मिंदा हैं।

आपके बदले बराबास का चुनाव करने के लिए, आपके बदले रुतबा का चुनाव करने के लिए, आप के बजाय दिखावा का चयन करने के लिए, आप की बजाय पैसे के देवता और अनंत जीवन की बजाय दुनियादारी का चुनाव करने के लिए हम शर्मिंदा हैं।

जब कभी हम कठिनाईयों में होते हैं तो इन शब्दों से हम आपको चुनौती देते हैं, “यदि आप मसीह हैं तो अपने आप को बचायें जिसे हम विश्वास कर सकें।” हमारे वचनों और नीच हरकतों के लिए हम शर्मिंदा हैं। 

हम शर्मिंदा हैं उन लोगों और आपके कुछ प्रेरितों के लिए जो अपने पहले प्रेम और गरिमा को भूल कर अपने मान-सम्मान और दौलत के पीछे दौड़ते हैं।

हमारी पीढ़ी के लिए शर्म की बात है जो युवा लोगों के लिए विभाजन और युद्धों से भरी दुनिया छोड़ रहे हैं, एक ऐसी स्वार्थी दुनिया जहां युवा, कमजोर, बीमार और बुजुर्ग हाशिए पर हैं।

शर्म की भावना खोने के लिए हम शर्मिंदा है।

प्रभु येसु, हमें हमेशा शर्म महसूस करने का अनुग्रह प्रदान कर!

आपकी मनोहर खामोशी से सामने, हम पश्चतापी हृदय लिए खड़े हैं और आपसे कृपा मांगते हैं।

केवल आप ही हमें बुराई से बचा सकते हैं। आप हमें हमारे नफरत, स्वार्थ, घमंड, लालच, बदला, मूर्तिपूजा के कुष्ठ रोग से ठीक कर सकते हैं। केवल आप ही हमें आलिंगन सकते हैं और अपने बच्चों के रूप में अपनी गरिमा को पुनर्स्थापित कर सकते हैं। हमें वापस घर लौटने का आनन्द दे सकते हैं।

हमारे छोटेपन के प्रति जागरूक होने से पश्चाताप की भावना आती है,यह  हमारी व्यर्थता और हमारे घमंड, को बदल कर आपके मधुर और शक्तिशाली निमंत्रण को स्वीकार करने की इजाजत देता है।

दाऊद का पश्चाताप अपनी पीड़ा की गहराई में केवल आपसे ही शक्ति पाया था।

पश्चाताप हमारे शर्म की वजह से पैदा होती है और यह तब तक हमारे दिल को बेचैन करता रहे जबतक कि हम आपको न पा लें। आप ही एकमात्र शांति और प्रेरणा के श्रोत हैं। 

हमारी आशा है कि हम आपके संदेश को जारी रखेंगे। यह जानकर कि सिर्फ भलाई करके ही बुराई पर विजय पाई जा सकती है, बदला और बुराई की प्रवृति को सिर्फ क्षमा करके ही वश में किया जा सकता है तथा भय और शत्रुता को भाईचारे के आलिंगन से समाप्त किया जा सकता है, आज बहुत से लोग आपसे प्रेरणा पाते हैं।

हमारी आशा है कि आपका बलिदान जारी रहेगा, आज भी, दिव्य प्रेम की खुशबू से प्रेरित होकर अपना जीवन आपको अर्पित करते हुए दूसरों की निःस्वार्थ सेवा करते हुए उन लोगों के लिए उदाहरण बनते हैं जो मुनाफा कमाने और पैसा कमाने का असान तरीका अपनाते हैं।

हमारी आशा है कि अपने जीवन को खतरे में डालकर मिशनरी आज भी सोयी हुई मानवता को नींद से जगाने तथा आप्रवासियों, गरीबों, शोषितों, भूखों और कैदियों की सेवा करते हुए आपकी सेवा में अपना जीवन समर्पित कर सकें।

हमारी आशा है कि आपकी कलीसिया, पवित्र और पापियों का घर, आज भी, इसे बदनाम करने के सभी प्रयासों के बावजूद, एक प्रकाशस्तंभ बनकर लोगों के उत्थान हेतु प्रोत्साहित करता रहे और मानवता के लिए आपके अंतहीन प्रेम की गवाही देता रहे। यह निस्वार्थ उदारता का एक आदर्श बनकर, स्वर्ग जाने हेतु मुक्ति का मार्ग और सच्चाई का एक स्रोत बने।

हम आशा करते हैं कि लालच,शास्त्रियों के नियम कानून और कायरता से आपके लिए बनाया गया क्रूस ही पुनरूत्थान का स्रोत है, जो कब्र के अंधेरे को रविवार के उज्ज्वल सुबह में बदल देता है और इस सूर्य का  कभी अस्त नहीं होगा। यह हमें सिखाता है कि आपका प्यार हमारी आशा है।

प्रभु येसु हमें हमेशा आशावान बनने की कृपा दीजिए!

प्रभु येसु, ईश्वर के पुत्र, हमें अपश्चातापी चोर, अदूरदर्शी और भ्रष्ट लोगों के अहंकार से खुद को अलग रखने में मदद करें। ये लोग आपको शोषण करने का मौका ढूँढ़ते हैं। वे दूसरों की आलोचना करते, दूसरों की नकल करते, दूसरों पर दोष लगाते हैं यहाँ तक कि ईश्वर पर भी दोष लगाने से पीछे नहीं हटते।

ईश्वर के बेटे, हमें "भला चोर के समान बनने में हमारी मदद करें। जिसने अपने पापों के लिए पश्चाताप, ग्लानि और आशा भरे नजरों से आपको देखा और ईश्वर की दया में खुद को छोड़ दिया तथा ईमानदारी से "स्वर्ग का रास्ता चुराया!" आमेन ।








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