2018-03-12 13:48:00

आनन्द मनाओ और ईश्वर की मुक्ति को ग्रहण करने के लिए अपना हृदय खोलो


वाटिकन सिटी, सोमवार, 12 मार्च 2018 (रेई)˸ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 11 मार्च को, संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, ̎अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।̎

चालीसा काल के इस चौथे रविवार को जिसे लेतारे रविवार अर्थात् आनन्द मनाने का रविवार कहा जाता है क्योंकि यूखरिस्त की धर्मविधि में प्रवेश करने का भजन, हमें आनन्द मनाने का निमंत्रण देता है। ̎येरूसालेम आनन्द मना।̎ [...] इस प्रकार यह आनन्द मनाने का निमंत्रण है। ̎तुम जो उदास थे हर्षित होओ और आनन्द मनाओ।̎ इसी भजन से ख्रीस्तयाग आरम्भ होता है।

संत पापा ने प्रश्न किया, ̎ इस आनन्द का कारण क्या है? ̎ उन्होंने स्वयं उत्तर देते हुए कहा, ̎ इसका कारण है मानव के प्रति ईश्वर का महान प्रेम जैसा कि आज के सुसमाचार पाठ में बतलाया गया है। ईश्वर ने संसार को इतना प्यार किया कि उसने उसके लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिया। जिससे जो उस में विश्वास करता है, उसका सर्वनाश न हो बल्कि अनन्त जीवन प्राप्त करे।̎ (यो. 3,16) ये शब्द येसु द्वारा उस समय बोले गये थे जब उन्होंने निकोदिमुस से वार्तालाप की थी। सराँश में, हम कह सकते हैं कि ख्रीस्तीय घोषणा के केंद्र में ईश्वर हैं। वे बगल नहीं हैं किन्तु मानव के इतिहास में प्रवेश करते और हमारे जीवन में अपने आप को पूरी तरह एक कर देते हैं, अपनी कृपा से इसे संचालित करने हेतु इसमें प्रवेश करते और इसे बचाते हैं।  

 संत पापा ने कहा, ̎हम उनकी घोषणा को सुनने के लिए बुलाये जाते हैं तथा अपने आप को पूर्ण समझने, ईश्वर के बिना अपना काम करने, उनसे एवं उनके शब्दों से पूर्ण स्वतंत्रता का दावा करने के प्रलोभन का बहिष्कार करने के लिए निमंत्रित हैं। जब हम अपने आप को पहचानने का प्रयास करते हैं कि हमारे जीवन का मकसद क्या है तब इसके लिए साहस की आवश्यकता होती है। हम जब महसूस करते हैं कि हम अपनी दुर्बलताओं एवं सीमाओं को पहचानने कि लिए बुलाये गये हैं तब हम भविष्य की चिंता एवं परेशानियों में पड़ जाते हैं, हमें बीमारी और मृत्यु का भय होता है। इससे मालूम होता है कि लोग क्यों बाहर निकलने का रास्ता ढूँढ़ते हुए, नशीली पदार्थों, अंधविश्वास अथवा जादू-टोना जैसे खतरनाक रास्ते अपनाते हैं। अपनी कमजोरियों एवं दुर्बलताओं से अवगत होना अच्छा है, हमें उन्हें जानना चाहिए किन्तु उनके कारण निराश नहीं होना बल्कि उन्हें ईश्वर को समर्पित कर देना चाहिए जिससे कि वे हमें चंगाई प्रदान करें, अपने हाथों से आगे ले चलें और हमें अकेला कभी न छोड़ें। ईश्वर हमारे साथ हैं, यही कारण है जिसके लिए हम आज आनन्द मनाते हैं। येरूसालेम आनन्द मना क्योंकि ईश्वर हमारे साथ हैं।

संत पापा ने कहा कि हमारे लिए पिता ईश्वर में सच्ची और महान आशा हैं जो करुणा के धनी हैं जिन्होंने हमें बचाने के लिए अपना पुत्र प्रदान किया है और यही हमारा आनन्द है। हमारे पास कई तरह की उदासी है किन्तु यदि हम सच्चे ख्रीस्तीय हैं तो हमारे पास आशा है जो आनन्द को बढ़ता एवं सुरक्षा प्रदान करता है। जब हम अपनी कमजोरियों, पापों एवं दुर्बलताओं को देखते हैं तो हमें निरूत्साहित नहीं होना चाहिए क्योंकि ईश्वर हमारे करीब हैं। येसु हमें चंगा करने के लिए क्रूस पर हैं। यही ईश्वर का प्रेम है। हम क्रूस पर नजर डालें और अपने आपसे कहें, ईश्वर मुझे प्यार करते हैं।̎ यह सच है कि कमजोरियां, पाप और दुर्बलताएँ हैं किन्तु ईश्वर उन सबसे बढ़कर हैं। हम इसे न भूलें कि ईश्वर हमारी कमजोरियों, पापों एवं बेईमानी से बढ़कर हैं अतः हम प्रभु का हाथ पकड़ें, क्रूस की ओर नजर डालें और आगे बढ़ें।   

संत पापा ने माता मरियम की याद करते हुए कहा, ̎ मरिया दया की माता, हमारे हृदय में ईश्वर के प्रेम का गहरा एहसास डाल दे। जब हम अकेलापन महसूस करें तब हमारे पास रहे। जब हम जीवन की कठिनाइयों से हार जाने के प्रलोभन में पड़ें तब अपने पुत्र येसु के प्रेम को अनुभव कर पाने में सहायता दे ताकि चालीसे काल की हमारी यात्रा क्षमाशीलता, स्वागत एवं उदारता के अनुभव की यात्रा बन जाए।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपन प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने देश – विदेश से एकत्रित सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा, ̎ मैं आप सभी का अभिवादन करता हूँ जो रोम, इटली तथा विश्व के विभिन्न हिस्सों से तीर्थयात्रा पर आये हैं, खासकर,अग्रोपोली, पादुवा, त्रोइना, फोज्जा और कलतानिस्सेत्ता के विश्वासी एवं पादुवा के संत अंतोनी पल्ली के युवा।

संत पापा ने रोम में ब्राजीलियाई समुदाय, तिवोली के क्रेसिमनदी के विश्वासी एवं उनके धर्माध्यक्ष तथा अविलियानो एवं सारोन्नो के युवाओं का भी अभिवादन किया।

संत पापा ने विश्व के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों का विशेषरूप से अभिवादन किया जिन्होंने ̎ वाटिकन हैकाथॉन ̎ में भाग लिया था, जिसका आयोजन संचार विभाग की ओर से किया गया था। संत पापा ने उन्हें सम्बोधित कर कहा, ̎ प्रिय युवाओं, ईश्वर प्रदत्त बुद्धि का प्रयोग सच्चाई एवं जरूरतमंद लोगों के लिए करना अच्छा है।̎

अंत में संत पापा ने प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगल कामनाएँ अर्पित की।








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