2018-03-05 16:48:00

विश्वास "एक प्रदर्शन या शो" नहीं, लेकिन मसीह की तरह सोचना है


वाटिकन सिटी, सोमवार 5 मार्च 2018 (रेई) : संत पापा  फ्राँसिस ने 5 मार्च को वाटिकन के प्रेरितिक निवास संत मार्था प्रार्थनालय में पवित्र मिस्सा के दौरान कहा कि कलीसिया हमें मसीह की शिक्षा के साथ साथ मसीह के समान सोचने के लिए प्रेरित करती है।

सोच के हमारे तरीके को परिवर्तित करना

संत पापा ने दैनिक पाठों पर चिंतन करते हुए कहा कि कलीसिया हमें मन परिवर्तन करने के लिए प्रार्थना उपवास परहेज और उदारता के कार्यों को करने के लिए प्रेरित करती है। साथ ही कलीसिया हमारे विचारों और भावनाओं और कार्यशैलियों में परवर्तन लाने पर भी जोर देती है। भले समारी का दृष्टांत हमें दयालुता की भावना को हासिल करने के लिए प्रेरित करता है। आज हमें अपने विचारों में परिवर्तन ने की जरुरत है। हमें देखना है कि हम किस तरह से और किस पर विचार करते हैं। क्या हम ख्रीस्तीयों की शैली में विचार करते हैं या गैर-ख्रीस्तीयों के समान विचार करते हैं।

पहले पाठ में नबी एलिशा द्वारा सीरिया के नामान के कुष्टरोग से चंगा होने की चर्चा है और संत लूकस के सुसमाचार पाठ में येसु के अपने ही लोगों ने येसु को स्वीकार नहीं किया वे उसे मार डालना चाहते थे।

हमें ईश्वर से बड़े शो या प्रदर्शन की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए।

सीरिया का नामान कुष्टरोग से पीड़ित था। और वह नबी एलिशा के पास आया ताकि नबी उसे रोग मुक्त कर दे। नबी एलिशा ने जब उसे इसराएल के यर्दन नदी में सात बार डुबकी लगाने को कहा। नामान ने सोचा कि यर्दन नदी की अपेक्षा दमस्क की नदी कहीं बड़ी और साफ है। इस लिए वह क्रुद्ध होकर विना नहाये वापस जाना चाहता था। संत पापा ने कहा नामान नबी एलिशा से बड़े प्रदर्शन की अपेक्षा कर रहा था। परंतु ईश्वर के विचार और तरीका अलग था। ईशअवर ने अपने तरीके से उसे चंगा किया।

पवित्र आत्मा हृदय में काम करता है।

सुसमाचार पर टिप्पणी करते हुए संत पापा ने कहा कि यही बात येसु के साथ भी होती है। येसु नाजरेथ लौटकर मंदिर में प्रार्थना करने गये। उसे देखकर कुछ लोग खुश हुए और कुछ लोग येसु के अचरज के कार्यों को सुनकर आश्चर्यचकित थे। और कुछ लोगों ने येसु से कहा कि वे तो बढ़ई के बेट हैं औक कहाँ से उसे अदभुद काम करने की शक्ति मिली। उन्होंने कहा कि जो काम उसने गलीलिया में किया वही यहाँ भी करके दिखाए तो वे उसपर विश्वास करेंगे। इसपर येसु ने कहा,"अपने देश में कोई नबी का स्वागत नहीं होता।"  इसके लिए उसे बड़े शो के साथ आना होगा। धर्म और विश्वास ओक बड़ा शो या फ्रदर्शन नहीं है परमेश्वर का वचन औक पवित्र आमा हृदय में काम करता है।

संत पापा ने कहा,"आइये हम अपने सोच की शैली को बदलें। यदि हम कलीसिया के सभी सिद्धांतों को पढ़ लें पर यदि हम ख्रीस्तीय आत्मा के अनुरुप विचार नहीं करते तो हमारा सब ज्ञान बेकार है। आइये, हम प्रभु की आत्मा को पाने के लिए प्रार्थना करें।"  








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