2018-03-05 16:00:00

दक्षिण अफ्रीकी धर्माध्यक्षों द्वारा देश को बदलने में अपनी भूमिका का तलाश


वाटिकन सिटी, सोमवार 5 मार्च 2018 (वीआर, रेई) : दक्षिण अफ़्रीकी धर्माध्यक्षों ने राष्ट्र के नये राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और देश को दिये उनके संबोधन का स्वागत किया है। जिसमें उन्होंने कहा, "एक उदार और प्रबुद्ध राष्ट्रीय योजना की स्थापना देश के लिए एक नए पाठ्यक्रम में पहला कदम प्रस्तुत करती है" और वे अब आशा और सकारात्मकता के साथ इनके कार्यान्वयन की ओर देख रहे हैं।"

अपने बयान में धर्माध्यक्षों ने कहा कि "देश के राष्ट्रपति के भाषण ने राष्ट्रीय जीवन के कई क्षेत्रों में जागरूकता जाहिर की जिसमें निवेश और पोषण की आवश्यकता है" और उन्होंने कहा "हम खुश हैं कि अधिक भूमि वितरित की जाएगी और हमारे लोगों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी"।

एक गंभीर ऐतिहासिक अन्याय के निवारण हेतु भूमि पुनर्वितरण

वे रामफोसा के "न केवल गंभीर अन्याय का निवारण करने के लिए भूमि पुनर्वितरण कार्यक्रम में तेजी लाने के बारे परंतु कृषि के क्षेत्र में अनाजों की पैदावार को बढ़ाने के लिए और अधिक भूमि उपलब्ध कराने के लिए उनके वादे के संदर्भ में भी बात कर रहे थे।"

राष्ट्रपति रामफोसा ने कहा, "इस सुधार योजना के तहत, मुआवजे के बिना भूमि की जब्ती शामिल होगी।" उन्होंने वादा किया कि भूमि सुधार अर्थव्यवस्था को कमजोर नहीं करेगी।

रूस्टेनबर्ग के धर्माध्यक्ष केविन डॉविंग ने वाटिकन रेडियो संवाददाता लिंडा बोर्डो को बताया कि दक्षिण अफ्रीका के काथलिक धर्माध्यक्ष, सत्ता परिवर्तन के इस समय में काफी सतर्क हैं साथ ही आशा व्यक्त करते हैं और उन्होंने कलीसिया के रूप में अपनी भूमिका के बारे में बात करने के लिए एक नए राष्ट्रपति के साथ एक बैठक आयोजन करने को कहा है।

वर्तमान बदलाव को सकारात्मक बदलाव के रूप में बताते हुए, धर्माध्यक्ष केविन डॉलिंग ने कहा कि रामफोसा के संदेश में एक नई ताकत है, जो "हम वर्षों से सुन रहे थे, उससे बहुत अलग हैं; यह एक नई शुरुआत के लिए बुलावा है और वे हर किसी को साथ देने के लिए कह रहे हैं। " बेशक,धर्माध्यक्ष  डॉविंग ने कहा, वे आगे की ओर सतर्कता से आगे बढ़ रहे हैं "क्योंकि यह राजनीति है और राष्ट्रपति को अपनी पार्टी में भी 100% समर्थन नहीं मिला है।"

उसने कहा कि वे जनवरी में धर्माध्यक्षों की आम सभा में राष्ट्रपति के साथ एक बैठक रखने का निर्णय लिया था जिसमें वे कलीसिया के रुप में देश के परिवर्तन में उनकी भूमिका और योगदान पर बात करना चाहते थे।








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