2018-02-12 16:08:00

संत पापा फ्राँसिस ने ग्रीक-मेल्काइट धर्मसभा के सदस्यों को संबोधित किया


वाटिकन सिटी, सोमवार 12 फरवरी 2018 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन में ग्रीक-मेल्काइट धर्माध्यक्षों धर्मसभा के सदस्यों से मुलाकात कर तीर्थयात्रा हेतु रोम आने के लिए धन्यवाद दिया। मुझे खुशी है कि कल प्रकट रुप में कलीसियाई एकता को पवित्र युखारिस्त समारोह में एकसाथ भाग लेकर सार्वजनिक रुप में प्रकट की जाएगी। इस सुन्दर अवसर के लिए मैंने बीते वर्ष धर्माध्यक्षों की धर्मसभा में प्राधिधर्माध्यक्ष के चुनाव के बाद 22 जून के पत्र में स्वीकार की थी।

संत पापा ने कहा," मैं आप सभी को अपनी प्रार्थना का आश्वासन देता हूँ। प्रभु येसु आपको सौंपे मिशन में आपके साथ रहें। आप सीरिया और मध्य पूर्व देशों की कलीसिया की सेवा में समर्पित हैं। ग्रीक-मेल्काइट कलीसिया बेहतर जीवन की खोज में अन्य देशों में फैल गई है। मैं दियासपोरा के उन सभी विश्वासियों और पुरोहितों को सस्नेह प्रार्थना में याद करता हूँ।

इस कठिन ऐतिहासिक काल में मध्य पूर्व के कई ख्रीस्तीय समुदायों को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रीक-मेल्काईट धर्माध्यक्ष और पुरोहित अपने जीवन साक्ष्य द्वारा विश्वासियों को अपने विश्वास में मजबूत रहने हेतु प्रोत्साहित करें। जैसा कि मैंने इस वर्ष 23 फरवरी को शांति के लिए प्रार्थना और उपवास का दिन निर्धारित किया है, इस दिन सीरिया के विश्वासियों के लिए विशेष रुप से प्रार्थना की जाएगी जिन्होंने हाल के वर्षों में अकथनीय पीड़ा सही है।

संत पापा ने कहा,"आपने इस महीने के पहले सप्ताह में अपने धर्माध्यक्षीय धर्मसभा लेबनान में शुरु की और इसके समापन हेतु तार्थयात्रा कर संत पेत्रुस की कब्र के पास पहुँचे है। धर्मसभा में आपने विश्वासियों की भलाई और उनके विश्वास को प्रगाढ़ बनाने हेतु महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। आपने धर्मसभा में धर्माध्यक्षों का चुनाव किया है। मैं आपके द्वारा चुने गये धर्माध्यक्षों का परमाध्यक्ष की स्वीकृति प्रदान करते हुए अपार खुशी का अनुभव करता हूँ।

संत पापा ने उन्हें याद दिलाते हुए कहा,"जब आप अपने धर्मप्रांत लौटें तो वहाँ अपने पुरोहितों, धर्मसंघियों और विश्वासियों को मेरी ओर से अभिवादन करें और उनसें कहें कि वे सभी संत पापा के हृदय में हैं और संत पापा उनके लिए प्रार्थना करते हैं। अंत में संत पापा ने ईश्वर की माता, शांति की महारानी के सिपुर्द करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया। 








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