2018-01-31 15:50:00

राष्ट्रीय परिदृश्य की समीक्षा करने हेतु काथालिक धर्माध्यक्षों की आमसभा


नई दिल्ली, बुधवार 31 जनवरी 2018 (मैटर्स इंडिया) : फरवरी की शुरुआत में, भारत के लगभग 200 काथालिक धर्माध्यक्ष, बेंगलुरु में देश की वर्तमान स्थिति में कलीसिया के दया के कार्यों और ख्रीस्तीय विश्वास के साक्ष्य की समीक्षा करेंगे।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की द्विवार्षिक 33वीं आमसभा कर्नाटक राज्य की राजधानी बेंगलुरु के संत जॉन राष्ट्रीय अकादमी स्वास्थ्य विज्ञान केंद्र में 2 से 9 फरवरी तक होगी। इस वर्ष आमसभा की विषय-वस्तु है, "मैं संसार के अंत तक सदा तुम्हारे साथ हूँ, (मत्ती 28:20) दया और साक्षी के मिशन के लिए विविधता में संयुक्त"

2 फरवरी को महासभा के उद्घाटन समारोही मिस्सा का अनुष्ठान प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष जॉनबप्तिस्ता दिक्वातरो करेंगे।

सीबीसीआई मुख्यालय से एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि द्विवार्षिक आमसभा ऐसे समय में हो रही है जब भारत में कलीसिया "सेवा और साक्ष्य की भारी चुनौतियों का सामना कर रही है।"

सीबीसीआई के महासचिव धर्माध्यक्ष थेओदोर मस्केरनहास ने कहा," "विविधता में एकता को बढावा देने वाले प्रवर्तकों में से एक कलीसिया है। लेकिन सांस्कृतिक और धार्मिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के इच्छुक समूहों और संगठनों की गतिविधियाँ बढ़ रही है। "

धर्माध्यक्षों का कहना है कि गाय तस्करी, गाय-बलि या गोमांस खाने के बहाने लोगों को प्रताड़ना देने वाले समूहों ने आबादी के कुछ हिस्सों में एक मनोवैज्ञानिक भय पैदा कर दिया है।"पत्रकारों की हत्या, एक फिल्म के खिलाफ विरोध में बच्चों से भरे स्कूल बस पर हमले बड़े पैमाने पर हमारे पारंपरिक रूप से धर्मनिरपेक्ष और शांतिपूर्ण समाज को परेशान कर रहे हैं।" ख्रीस्तीयो के खिलाफ हिंसा जैसे, मध्य प्रदेश के सतना शहर में कैरोल गाने वालो पर हमला, और राज्य में ही एक और शहर विदिशा में एक काथलिक कॉलेज में राष्ट्रवाद के नाम पर कट्टरपंथी समूहों द्वारा जबरन हिंदू प्रार्थना कराने का प्रयास।

प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, धर्माध्यक्ष  इन घटनाओं से चिंतित और परेशान हैं। साथ ही उनका कहना है कि नई दिल्ली और मध्य प्रदेश के सरकारी अधिकारियों का समर्थन प्राप्त है ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। "हालांकि, जिस तरह से सांप्रदायिकता, जातिवाद, धार्मिक कट्टतता और नफरत का जहर देश में फैल रहा है, वह परेशान करने वाला और चिंताजनक है।"

आमसभा में धर्माध्यक्ष इस बात पर चर्चा करेंगे कि कलीसिया समाज रुपी आटा में खमीर कैसे बन सकती है ताकि सभी लोग देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को संरक्षित करने और संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए एकजुट हो सकें।

धर्माध्यक्ष इसपर भी विचार करेंगे कि कैसे कलीसिया येसु मसीह के प्यार के साक्ष्य को जारी रख सकती है और निस्वार्थ राष्ट्र की सेवा कर सकती है। राष्ट्र निर्माण और विकास संबंधी परियोजनाओं में राज्य और केंद्रीय स्तर पर दलितों, आदिवासियों और हाशिए पर जावन यापन कर रहे लोगों के लिए सरकारों के सहयोग के नए तरीकों की खोज पर विचार किया जाएगा।

कलीसिया सभी धर्मों और विचारधाराओं के अनुयायियों के साथ खुली वार्ता में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहती है ताकि एक साथ हम शांति और सामंजस्यपूर्ण जीवन को बढ़ावा दे सकें।

आमसभा में द्विवर्षीय कार्यकाल हेतु सम्मेलन के अध्यक्ष और दो उपाध्यक्षों का चुनाव होगा। वर्तमान में सम्मेलन के अध्यक्ष सीरो-मलंकरा कलीसिया के प्रधान कार्डिनल बसेलिओस क्लीमिस हैं।

 








All the contents on this site are copyrighted ©.