2017-12-05 16:18:00

भारत में चक्रवात का गहरा असर, 32 काथलिक मछवारों की मृत्यु


तिरुवनंतपुरम, मंगलवार, 5 दिसम्बर 2017 (ऊकान): दक्षिण भारत में पिछले सप्ताह आये एक तेज चक्रवात के कारण तटीय इलाके के करीब 32 गरीब काथलिक मछुवारों की मौत हो गयी है तथा 200 लोग अभी भी लापता हैं। हजारों लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया था।

श्रीलंका से शुरू हुए चक्रवात ने गुरुवार को तेज आँधी और भारी बारिश का रूप लेकर भारत के दक्षिणी तटीय इलाक़े को बुरी तरह प्रभावित किया। ओखी नाम के इस 'चक्रवात' की तीव्रता सोमवार को कम हुई।

सरकारी आँकड़ों के अनुसार अधिकतर मौतें केरल एवं तमिलनाडु राज्यों में हुई हैं। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के एक मछवारे गाँव स्थित विजहीनजाम पल्ली के फादर वी विलफ्रेड ने बतलाया कि जिनकी मृत्यु हुई है वे सभी काथलिक थे जो उस समय समुद्र में थे।

उन्होंने कहा कि चक्रवात की उम्मीद उन्हें नहीं थी जिसके कारण एक मछवारे के रूप में वे समुद्र में ही थे।

एक काथलिक मछवारे अंतोनी सिलवेस्तर ने जानकारी दी कि विजहीनजाम के मछवारे गाँव में कोई चेतावनी नहीं दी गयी थी।

उन्होंने कहा कि 200 मछवारे अब भी लापता हैं जिसके कारण मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना है।

त्रिवेंद्रम के महाधर्माध्यक्ष सोसा पकायाम एवं स्थानीय पुरोहित क्षेत्र का दौरा कर विस्थापित लोगों के लिए राहत सामग्री पहुँचाने का काम कर रहे हैं।

केरल के राज्य सरकार ने कुल 29 राहत शिविर खोली है जिसमें करीब 500 परिवारों के कुल 3,000 लोग शरण लिए हुए हैं। 

मत्स्य पालन मंत्री जे. मेरसीकुटी अम्मा ने स्थानीय पत्रकारों को बतलाया कि करीब 200 घर पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। पूनथूरा के फादर जस्टिन जूद ने कहा कि लोगों ने अपनी नाव एवं जाल भी खो दिया है। सरकार को चाहिए कि वह पर्याप्त मुआवजा प्रदान करे ताकि लोग अपना जीवन पुनः शुरू कर सकें।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केरल में इससे पूर्व भारी चक्रवात 1941 में आया था जब 62 लोगों की मृत्यु हो गयी थी।








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