2017-11-30 11:46:00

सन्त पापा फ्राँसिस बंगलादेश में


याँगून, गुरुवार, 30 नवम्बर 2017 (विभिन्न स्रोत, वाटिकन रेडियो): म्यानमार से सवा दो घण्टों की विमान यात्रा पूरी कर गुरुवार, 30 नवम्बर को सन्त पापा फ्राँसिस बंगलादेश की राजधानी ढाका पधारे। दक्षिणी एशिया स्थित बंगलादेश की सीमा भारत एवं म्यानमार से संलग्न हैं तथा हालांकि, नेपाल, भूटान एवं चीन की सीमाएँ बंगलादेश से जुड़ी नहीं हैं तथापि ये इसके पड़ोसी देश हैं। जनसंख्या की दृष्टि से बंगलादेश विश्व का आठवाँ सर्वाधिक विशाल राष्ट्र है। राजधानी ढाका देश का सबसे बड़ा शहर है जिसके बाद बन्दरगाही शहर चिटगाँव आता है।

सन् 1947 ई. में ब्रिटेन से भारत और पाकिस्तान को स्वतंत्रता मिली थी। बंगलादेश पाकिस्तान के हिस्से में आया था किन्तु तब से ही वह स्वायत्तता की मांग करता रहा था। सन् 1971 में पाकिस्तान के लड़ाई के उपरान्त बंगलादेश एक स्वतंत्र गणतंत्र रूप में प्रतिष्ठित हुआ है तथा 1972 में परमधर्मपीठ एवं बंगलादेश के मध्य कूटनैतिक सम्बन्धों की स्थापना हुई थी। राष्ट्र की 98 प्रतिशत जनता बँगला भाषी है। धर्म की दृष्टि से बंगलादेश की 89 प्रतिशत जनता इस्लाम धर्मानुयायी है। दस प्रतिशत लोग यहाँ हिन्दू तथा 0.9 प्रतिशत लोग बौद्ध अथवा ख्रीस्तीय धर्मानुयायी हैं। काथलिक धर्मानुयायियों की संख्या बंगलादेश में तीन लाख 75 हज़ार है। 

सन्त पापा फ्राँसिस गुरुवार, 30 नवम्बर को, दूसरे पहर बंगलादेश की राजधानी ढाका के अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पधारे जहाँ बंगलादेश में परमधर्मपीठ के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष जॉर्ज कोच्चेरी तथा बंगलादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने सन्त पापा स्वागत किया। इस अवसर पर दो बच्चों ने सन्त पापा को गुलदस्ते एवं बंगलादेश की मिट्टी से भरा एक कटोरा अर्पित किया जिसपर उन्होंने अपनी आशीष प्रदान की। इस मौके पर राष्ट्रपति एवं शिष्टमण्डल के सदस्य, ढाका के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल पैट्रिक रोज़ारियो सहित 10 काथलिक धर्माध्यक्ष तथा लगभग 25 लोकधर्मी विश्वासी उपस्थित थे। रंग-बिंरगी पोषाकें धारण किये 40 बच्चों ने पारम्परिक नृत्य से अपने खास मेहमान का राष्ट्र में भव्य स्वागत किया।

ढाका अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्वागत समारोह सम्पन्न होने के बाद सन्त पापा ने 23 किलो मीटर दूर स्थित "राष्ट्रीय शहीद स्मारक" पर श्रद्धा अर्पित की। सन् 1971 की लड़ाई में मारे गये शहीदों की याद में इस स्मारक का निर्माण किया गया था। तदोपरान्त, उन्होंने बंगबन्धु मेमोरियल संग्रहालय का रुख किया तथा इस स्थल पर बंगलादेश के पितामह शेख मुजिबुर्र रहमान के समाधि स्थल पर मौन प्रार्थना की तथा पुष्पांजलि अर्पित की। सन् 1975 ई. में बंगलादेश के प्रथम प्रधान मंत्री तथा अवामी लीग के नेता मुजिबुर्र रहमान की हत्या कर दी गई थी। गुरुवार को ही, ढाका के बंगबन्धु मेमोरियल संग्रहालय के स्वर्ण ग्रन्थ पर हस्ताक्षर करने के उपरान्त, सन्त पापा लगभग 35 किलो मीटर दूर राष्ट्रपति भवन पहुँचे जहाँ सन्त पापा ने बंगलादेश के राष्ट्रपति श्री अब्दुल हामिद से औपचारिक मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच वैयक्तिक बातचीत के उपरान्त राष्ट्रपति के परिजनों एवं राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने सन्त पापा फ्राँसिस के साथ तस्वीर खिंचवाई और फिर उपहारों के आदान-प्रदान के उपरान्त सन्त पापा ने राष्ट्र के लगभग 400 राजनीतिज्ञों, राजनयिकों एवं धार्मिक नेताओं को अपने सन्देश दिया।








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