2017-11-18 17:23:00

रतजिंगर पुरस्कार समारोह को संत पापा का सम्बोधन


वाटिकन सिटी, शनिवार, 18 नवम्बर 2017 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 18 नवम्बर को रतजिंगर पुरस्कार समारोह के अवसर पर ससम्मान सेवानिवृत संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें को सम्मानित किया। प्रतिष्ठित रतजिंगर पुरस्कार की शुरूआत 2011 में वाटिकन फाउँडेशन जोसेफ रतजिंगर बेनेडिक्ट 16वें द्वारा की गयी है।

संत पापा ने इस अवसर पर समिति के 200 सदस्यों को वाटिकन स्थित क्लेमेंटीन सभागार में सम्बोधित करते हुए प्रोत्साहन दिया कि वे सच्चाई की खोज, वार्ता और ज्ञान में सहयोग करने के नए और व्यापक तरीक़ों के साथ आगे बढ़ना जारी रखें।

ससम्मान सेवा निवृत संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें की सराहना करते हुए संत पापा ने कहा कि उनकी प्रार्थना तथा विचारशील एवं उत्साहजनक उपस्थिति हमें एक साथ आगे ले चलता है, उनके कार्य और शिक्षा कलीसिया के लिए आज भी जीवित और मूल्यवान धरोहर है। अतः उन्होंने फाउँडेशन को प्रोत्साहन दिया कि वे अध्ययन एवं इस धरोहर को गहराई से समझने के समर्पण को आगे बढ़ायें ताकि जोसेफ रतजिंगर के लेखों की व्याख्या एवं उनके भावों के अनुसार, अध्ययन एवं ईशशास्त्रीय तथा सांस्कृतिक अनुसंधान को बढ़ाया जा सके, यहाँ तक कि नये क्षेत्रों में भी प्रवेश किया जा सके जहाँ आज की संस्कृति विश्वास से संवाद की मांग करती है। इस संवाद से मानवीय भावना की अनिवार्यता और महत्व हमेशा आवश्यक है, विश्वास और तर्क की जरूरत है।

संत पापा जॉन पौल द्वितीय का हवाला देते हुए संत पापा ने कहा कि ″वास्तव में, विश्वास एवं तर्क दो पंखों के समान हैं जिसपर मानवीय भावनाएँ सच्चाई के चिंतन की ओर उठती हैं।″

संत पापा ने ईशशास्त्री जोसेफ रतजिंगर को उन तमाम लोगों के शिक्षक एवं दोस्ताना साथी कहा जो सच्चाई की खोज करने के मानवीय बुलाहट का प्रत्युत्तर देने हेतु तर्क के वरदान का उपयोग करते हैं।

संत पापा ने इस वर्ष के रतजिंगर पुरस्कार विजेताओं के प्रति प्रसन्नता जाहिर की कि इसमें तीन ख्रीस्तीय समुदायों के सदस्य सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा, ″ख्रीस्त की सच्चाई, किसी एक के लिए नहीं है, लेकिन यह स्वर की समता के समान है: जो सहानुभूतिपूर्ण सहयोग और सामंजस्य मय साझा की मांग करता है।″

उन्होंने कहा कि इसे खोजने, अध्ययन एवं चिंतन करने और एक साथ अभ्यास करने के द्वारा, उदारता में हम आपस में पूर्ण एकता की ओर प्रेरित हो सकते हैं। इस प्रकार सच्चाई हमारे प्रेम संबंध का जीवित स्रोत बन जायेगा। 

संत पापा ने आज के पुरस्कार विजेताओं, लूथरन ईशशास्त्री प्रोफेसर थेवदोर दिएतर, काथलिक पुरोहित प्रोफेसर कार्ल हेईंज मेंक तथा संगीतकार अर्भो पार्ट को बधाई दी तथा फाउँडेशन एवं इससे जुड़े सभी लोगों को प्रोत्साहन दिया कि वे अनुसंधान, संवाद और सच्चाई के ज्ञान में सहयोग करने के नए और व्यापक तरीक़ों के साथ आगे बढ़ते रहें। एक ऐसी सच्चाई जिसका स्मरण कराने में संत पापा बेनेडिक्ट 16वें कभी नहीं थके वह ईश्वर, शब्द, प्रज्ञा एवं प्रेम में विद्यमान है तथा उस ने येसु के रूप में मानव शरीर का रूप धारण किया। 








All the contents on this site are copyrighted ©.