वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 16 नवम्बर 2017 (रेई): वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में बृहस्पतिवार 16 नवम्बर को, संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में पवित्र आत्मा के कार्यों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, "पवित्र आत्मा कोमलता एवं विनम्रता का आत्मा है, वह आज्ञाकारिता एवं सरलता का आत्मा है। वही ईश्वर के राज्य का विस्तार करता है न कि प्रेरितिक योजनाएँ। वह अदृश्य रूप से क्रियाशील रहता और समय आने पर उसके फल प्रकट होते हैं।″
संत पापा ने प्रवचन में प्रज्ञा ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ लेखक प्रज्ञा के गुणों का बखान करता है जिसकी तुलना नये व्यवस्थान में पवित्र आत्मा से की गयी है।
संत पापा ने कहा, ″बीज को अंकुरित कौन करता एवं बढ़ाता है? उन्होंने कहा कि घमंडी ईश्वर के राज्य को नहीं देख सकते हैं। प्रज्ञा विज्ञापन पसंद नहीं करता, वह विनम्र है तथा अदृश्य रूप से बढ़ता है।
संत पापा ने कहा कि हम माता मरियम पर दृष्टि डालें वह येसु का अनुसरण चुपचाप से करती है। स्वर्ग राज्य के रहस्य एवं उसकी पवित्रता को कोई नहीं जानता। जब वह अपने पुत्र के क्रूस के नीचे खड़ी थी लोगों ने उन पर ताने दिये कि देखो वह उस अपराधी की माँ है। उस समय किसी को मालूम नहीं था कि सच्चाई क्या थी।
संत पापा ने सभी विश्वासियों को स्मरण दिलाया कि हम सब ईश्वर के राज्य की ओर आगे बढ़ने हेतु बुलाये गये हैं। यह हमारी बुलाहट है एक कृपा है, एक मुफ्त वरदान। यह हमारे द्वारा खरीदा नहीं गया है किन्तु ईश्वर की ओर से मिला है। हम सभी को पवित्र आत्मा का बपतिस्मा मिला है।
सत पापा ने चिंतन हेतु प्रश्न किया, "पवित्र आत्मा के साथ मेरा संबंध कैसा है? मुझमें ईश्वर के राज्य को बढ़ाने के लिए कौन क्रियाशील है?" "क्या मैं सचमुच विश्वास करता हूँ कि स्वर्ग का राज्य हमारे बीच है? क्या यह हममें अदृष्ट रूप में है अथवा हम उसे दिखाना चाहते हैं?"
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