वाटिकन सिटी, शुक्रवार,10 नवम्बर 2017 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन में, शुक्रवार 10 नवम्बर को, सन्त पापा फ्राँसिस ने परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व पर आयोजित अन्तरराष्ट्रीय विचार गोष्ठी में भाग लेनेवाले विशेषज्ञों से मुलाकात कर उन्हें अपना सन्देश दिया।
इन दिनों वाटिकन में जारी इस अन्तरराष्ट्रीय विचारगोष्ठी का आयोजन, अखण्ड मानव विकास को प्रोत्साहन देने के लिये गठित, परमधर्मपीठीय परिषद के तत्वाधान में किया गया है। विचार गोष्ठी का विषय है, "परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व तथा एकीकृत निरस्त्रीकरण की प्रत्याशा"।
सम्पूर्ण विश्व से रोम में एकत्र हुए विशेषज्ञों को सम्बोधित कर सन्त पापा ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय पटल पर व्याप्त जटिल राजनैतिक चुनौतियों तथा अस्थायित्व एवं संघर्ष के वातावरण की पृष्ठभूमि में इस विचारगोष्ठी का निर्णय लिया गया था।
उन्होंने कहा, "दरअसल, हथियारों की दौड़ में बढ़ोतरी जारी है तथा आधुनिकीकरण के नाम पर परमाणु हथियारों सहित अन्य हथियारों के विकास की क़ीमत राष्ट्रों के लिए काफी खर्च का प्रतिनिधित्व कर रही है। इसके परिणामस्वरूप, मानव परिवार के समक्ष प्रस्तुत वास्तविक प्राथमिकताओं, जैसे निर्धनता निवारण, शांति को प्रोत्साहन, शिक्षा का प्रसार, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य सुरक्षा तथा मानवाधिकारों में विकास आदि को या तो दूसरा दर्ज़ा दिया जा रहा है या फिर बिल्कुल दरकिनार कर दिया जा रहा है।"
इस बात पर बल देते हुए कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को सैन्य बल, पारस्परिक धमकियों एवं हथियारों के भंडार द्वारा बन्धक नहीं बनाया जा सकता, सन्त पापा ने कहा, "सामूहिक विनाश के हथियार, विशेष रूप से परमाणु हथियार, किसी चीज़ की रचना नहीं करते बल्कि लोगों में सुरक्षा का भ्रम पैदा करते हैं। ये हथियार कभी भी मानव परिवार के सदस्यों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का आधार नहीं बन सकते, जो केवल एकात्मता की नैतिकता से प्रेरित होती है।"
सन्त पापा ने कहा कि हथियारों के बजाय आज के विश्व को अपव्यय की संस्कृति के बहिष्कार तथा मानव व्यक्ति के अखण्ड विकास की दिशा में काम करने की नितान्त आवश्यकता है और हमारे वैज्ञानिक विकास को इसी के प्रति समर्पित रहना चाहिये।
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