2017-11-07 15:34:00

वैश्विक मुद्दों पर विचार करने हेतु "एल्डर्स" से संत पापा की मुलाकात


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 7 नवम्बर 2017 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 6 नवम्बर को वाटिकन के संत मर्था प्रेरितिक आवास में दुनिया भर के शांति और मानव अधिकारों के लिए काम करने वाले वैश्विक नेताओं के एक स्वतंत्र समूह  "एल्डर्स" (वयोवृद्ध) के सदस्यों से मुलाकात की।

"एल्डर्स" की स्थापना 10 वर्षों पहले दक्षिण अफ्रीकी पूर्व राष्ट्रपति नेलशन मंडेला के द्वारा हुई थी जो इस वर्ष "वॉक टूगेदर"(एक साथ चलें) अभियान द्वारा 10वीं वर्षगाँठ मना रही है तथा मंडेला के स्वतंत्रता की लम्बी यात्रा को आगे बढ़ा रही है।

संत पापा से मुलाकात के उपरांत वाटिकन रेडियो की पत्रकार फिलिप्पा हेचेन ने ″एल्डर्स″ के सदस्य, संयुक्त राष्ट्रसंघ के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान तथा पूर्व आयरिश राष्ट्रपति मेरी रोबिनशन जो संयुक्त राष्ट्र में मानव अधिकार आयोग एवं जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के राजदूत भी थे, उनसे बातें कीं।

कोफी अन्नान ने वाटिकन आने का उद्देश्य बतलाते हुए कहा कि दल का वाटिकन आना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने कई सार्वजनिक हित और मूल्य की बातों को एक-दूसरे से साझा किया है। उन्होंने बतलाया कि वे संत पापा से मिलकर यह विचार करना चाहते थे कि "किस तरह एक साथ मिलकर काम किया जा सकता है और इनमें से कुछ मुद्दों पर अपने प्रयासों को कैसे जोड़ा जा सकता है"।

शांति, पलायन, जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता

उन्होंने कहा कि उनके विचार-विमर्श के विषय थे पलायन, परमाणु हथियार, शांति, संघर्ष तथा जलवायु परिवर्तन एवं लैंगिक समानता आदि। महिलाओं के लिए आवाज बनने का महत्व एवं उनकी भूमिका को सम्मान देना। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस पहली सभा के बाद भविष्य कई अन्य सभाओं का आयोजन किया जाएगा।

हाशिये पर जीवन यापन करने वालों की आवाज बनने की पहल

आयरलैंड की पूर्व राष्ट्रपति मेरी रोबिनशन ने "एल्डर्स" की भूमिका की सराहना की तथा उसके उस काम के प्रति संतोष व्यक्त किया जिसमें वह आवाजहीनों एवं हाशिये पर जीवन यापन करने वालों के लिए आवाज बनने का प्रयास कर रहा है, साथ ही साथ, संघर्ष के सबसे जटिल क्षेत्र का समाधान करने की कोशिश में लगा है। उन्होंने बेनेजुएला एवं कोंगो का जिक्र किया तथा जलवायु परिवर्तन पर प्रकाश डाला।

सार्वजनिक मूल्य

रोबिनशन ने यह भी बतलाया कि वे सभा में स्नेह एवं हास्य के मनोभाव से भी प्रभावित हुए। वे संत पापा के शांत एवं विनोदी स्वभाव से विस्मित थे। उन्होंने सार्वजनिक मूल्यों, नैतिक उद्देश्यों एवं आम समस्याओं पर विचार किया।








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