2017-11-07 15:57:00

बेचने के लिए नहीं है मुक्ति, संत पापा


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 7 नवम्बर 2017 (रेई): "यदि आप ईश्वर के निमंत्रण की गंभीरता को नहीं समझ सकते, तब आप कुछ नहीं समझ सकते हैं।" यह बात संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

संत पापा ने कहा, ″ईश्वर का निमंत्रण हमेशा मुफ्त है किन्तु उस भोज में जाने के लिए हमें कौन सी कीमत चुकानी है?"

प्रवचन में संत पापा ने संत लूकस रचित सुसमाचार के उस पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु भोज का दृष्टांत सुनाते हैं। "किसी मनुष्य ने एक बड़े भोज का आयोजन किया और बहुत से लोगों को निमंत्रण दिया। भोजन के समय उसने सेवकों द्वारा निमंत्रित लोगों को कहला भेजा कि आइये क्योंकि अब सब कुछ तैयार है, लेकिन वे सभी बहाना करने लगे।... तब घर के स्वामी ने क्रूद्ध होकर अपने सेवकों से कहा कि वे शीघ्र ही नगर के बाजारों और गलियों में जाकर कंगालों, लूलों, अंधों और लंगड़ों को वहाँ बुला लायें।″

संत पापा ने कहा कि भोज में प्रवेश करने का टिकट है बीमार, गरीब और पापी होना, शारीरिक एवं मानसिक रूप से चंगाई की आवश्यकता महसूस करना।

उन्होंने कहा कि हम यह सोच सकते हैं कि हम काथलिक हैं, रविवार को ख्रीस्तयाग में भाग लेते हैं और अन्य धार्मिक कार्यों को सम्पन्न करते हैं, हम अपना भी धन इसमें खर्च करते हैं, क्या ये काफी नहीं है? संत पापा ने कहा कि वे मुक्ति के दान को नहीं समझते। वे सोचते हैं कि उसके लिए वे कीमत चुकाते हैं।

संत पापा ने कहा कि मुक्ति एक मुफ्त वरदान है और यदि हम मुफ्त वरदान के इस पहलू में प्रवेश नहीं करते हैं तब हम कुछ भी नहीं समझ सकते। मुक्ति ईश्वर का वरदान है जिसका प्रत्युत्तर हम दूसरे उपहार के द्वारा देते हैं और वह उपहार है, सुनना (तत्परता)। 

संत पापा ने कहा कि जब हम प्रेम किये जाने का एहसास नहीं कर पाते हैं तब कोई आशा नहीं है हमने सबकुछ खो दिया है।

संत पापा ने आशा बनाये रखने की सलाह देते हुए उस व्यक्ति का उदाहरण दिया जिसने निमंत्रित लोगों के इनकार करने पर आशा नहीं खोयी बल्कि भोज को लोगों से भर देने हेतु फिर से उपाय किया। वह महान व्यक्ति इतना अच्छा था कि वह मुफ्त में ही अपने घर को मेहमानों से भरना चाहता था।

संत पापा ने विश्वासियों को प्रार्थना करने की सलाह दी ताकि हम ईश्वर द्वारा प्रेम किये जाने का एहसास कर सकें। 








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