2017-11-06 15:58:00

सेवानिवृत महाधर्माध्यक्ष एस. माइकेल अगुस्टीन का निधन


पांडिचेरी, शनिवार 04 नवम्बर 2017 (रेई) : पांडिचेरी-कुड्डालोर धर्मप्रांत के सेवानिवृत महाधर्माध्यक्ष एस. माइकेल अगुस्टीन का 4 नवम्बर को स्थानीय समयानुसार सुबह 9.50 बजे स्थानीय अस्पताल में निधन हो गया। 85 वर्षीय महाधर्माध्यक्ष एस. माइकेल अगुस्टीन ने 39 वर्षों तक धर्माध्यक्ष और 56 वर्षों तक पुरोहित के रुप में सेवा की थी।

वे ‘बी वेल हॉस्पीटल’ में कुछ दिनों के लिए भर्ती थे। बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई और आर्कबिशप हाउस में आराम कर रहे थे। 4 नवंबर सुबह को उन्हें बेचैनी की शिकायत होने के बाद तुरंत ही उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनका निधन हुआ।

6 नवम्बर 2017 को स्थानीय समयानुसार10 बजे पोंडिचेरी के निष्कलंक गर्भागमन महागिरजाघर में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

महाधर्माध्यक्ष एस. माइकेल अगुस्टीन का जन्म 12 जून 1933 को पांडिचेरी-कुड्डलो महाधर्मप्रांत के विरुधचलम, कोविलुर में  हुआ था।

उन्होंने पोंडिचेरी पेटिट सेमिनरी हाइयर सेकेंडरी का बढ़ाई कर संत आग्नेस सेमिनरी कुद्दालोर में प्रवेश किया। संत जोसेफ कॉलेज,त्रिचनापल्ली से स्नातक की डिग्री हासिल की। 15 अप्रैल 1961 को उनका पुरोहिताभिषेक हुआ। उन्होंने फ्राँस के  इंस्टीट्यूट डे पारिस में दर्शन शास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। 1065 को भारत लौटने के बाद वे संत पीटर पोंटिफिकल सेमिनरी, बैंग्लोर में दर्शनशास्त्र प्रोफेसर नियुक्त किया गये थे।  

सन् 1974 में, संत पापा पॉल छठे ने उन्हें सेंट पीटर के पोंटिफ़िकल सेमिनरी, बैंगलोर के रेक्टर नियुक्त किया। और 1978 में वे मद्रास और मैलापूर के सहायक धर्माध्यक्ष के रुप में अभिषिक्त हुए। संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने 10 जुलाई 1981 को वेल्लोर के धर्माध्यक्ष नियुक्त किया। संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने 25 जून 1992 को पांडिचेरी और कुड्डालोर के महानगर के महाधर्माध्यक्ष नियुक्त किए। और 10 जून 2004 को वे सेवानिवृत हुए।उन्होंने सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने के बाद 10 जून 2004 को पांडिचेरी और कुड्डालोर महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।








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