2017-11-02 17:03:00

अंत्सियो के युद्ध में एक अमरीकी सैनिक का अनुभव


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 2 नवम्बर 2017 (वीआर अंग्रेजी): मृत विश्वासियों के पर्व दिवस 2 नवम्बर को, अपराह्न 15.15 बजे संत पापा फ्राँसिस ने इटली के नेतूनो स्थित अमरीकी सैनिकों के कब्रस्थान पर ख्रीस्तयाग अर्पित किया जहाँ अंत्सियो के युद्ध में मारे गये 8,000 सैनिकों को दफनाया गया है।

93 वर्षीय जोन शीर्ले युद्ध से बचे हुए उन सैनिकों में से एक हैं जिन्होंने अंत्सियो के युद्ध में भाग लिया था तथा रोम को जर्मनी से छुटकारा दिलाने के अभियान में हिस्सा लिया था। उन्होंने अपने समय में हुए युद्ध के अनुभवों को ″आई रिमेंम्बर″ शीर्षक की किताब में बायाँ किया है।

जोन शीर्ले ने वाटिकन रेडियो की पत्रकार सुसी होजेस के साथ एक साक्षात्कार में बतलाया कि अमरीकी सैनिक कब्रस्थान जो मध्य इटली में स्थित है, वहाँ अमरीकी सैनिकों के करीब 8,000 सदस्यों को दफनाया गया है जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान देश के लिए अपना जीवन अर्पित किया था। 77 एकड़ भूमि पर फैला यह कब्रस्थान अंत्सियो के ठीक बाहर नेतूनो में स्थित है जहाँ अमेरिकी सेना और उनके सहयोगी 1944 में दफनाये गये थे जिन्हें रोम को मुक्त किये जाने के अभियान में भाग लेने के दौरान शहीद होना पड़ा था। उन्होंने जर्मन सैनिकों को इटली से बाहर भेजने के प्रयास में अपना जीवन निछावर किया था। शीर्ले ने बतलाया कि उनका पहला संग्राम 1944 के बसंत ऋतु में शुरू हुआ था जब मित्र देशों की सेना अपनी चौकी के साथ अंत्सियो पर टूट पड़ी थी। उस समय उन्हें जर्मन सेनाओं के भयंकर प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था।

उन्होंने बतलाया कि उन्हें सीमा रेखा के करीब एक युद्ध गाड़ी के द्वारा पहुँचाया गया तथा इस महायुद्ध में उन्हें फसल के एक खेत में पेट के बल रेंगना पड़ा था। उनके सिर के ऊपर भारी तोपखाने तथा मशीन गण से फायरिंग किया जा रहा था। उन्होंने बतलाया कि यह पहली बार था जब शीर्ले काररवाई में मारे गये व्यक्तियों को देखा था।

यह पूछे जाने पर कि क्या उनमें धार्मिक विश्वास था और क्या उन्होंने उसे युद्ध के समय बनाये रखा था, शीर्ले ने कहा कि एक ख्रीस्तीय के रूप में वे तथा उनके अन्य सभी साथी प्रार्थना कर रहे थे। 

शीर्ले ने कहा कि अमरीकी कब्रस्थान पर संत पापा के दौरे के समय यदि वे वहाँ उपस्थित होते, तो वे उन्हें वहाँ आने और मृत विश्वासियों के लिए प्रार्थना करने के लिए बहुत अधिक कृतज्ञता व्यक्त करते, जो अंत्सियो के युद्ध में शहीद हुए थे।

उन्होंने कहा कि युद्ध में उनके बहुत से साथी मारे गये किन्तु वे बच गये जिसको वे अपना सौभाग्य समझते हैं। 








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