भोपाल, बुधवार,1 नवम्बर 2017(एशियान्यूज) : भोपाल महाधर्मप्रांत ने आत्महत्या करने की प्रवृत्ति को दिखाने वाले लोगों के सहायतार्थ 'जीवनदायिनी' नामक एक संकट हस्तक्षेप केंद्र स्थापित किया है।
भोपाल महाधर्मप्रांत द्वारा गठित मनोवैज्ञानिकों और परामर्शदाताओं की एक टीम स्कूलों, अस्पतालों और निजी क्षेत्र के कार्यालयों में यह जागरूकता पैदा करने के लिए दौरा शुरू कर दिया है ताकि संकट के दौरान सहायता पाने के लिए 'जीवनदायिनी' संकट हस्तक्षेप केंद्र की सेवा से लाभ प्राप्त कर सकें।
यह देखा गया है कि भावनात्मक असंतुलन के कारण बच्चे, युवा और वयस्क अवसाद में पड़ते हैं।
भोपाल महाधर्मप्रांत के प्रोफेसर मारिया स्टीफन ने इंटरनेट के ‘ब्लू व्हेल’ खेल को बच्चों और युवाओं द्वारा खेला गया एक खतरनाक खेल कहा है। कमजोर लोग अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल हो रहे हैं। वे सरकार से अपील करते हैं कि सरकार युवाओं को बचाने के लिए इंटरनेट के नए दिशानिर्देश तैयार करे।
उन्होंने यह भी कहा, "हम इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकते हैं कि शिक्षा लोगों और राष्ट्र के विकास का मूल आधार है। हम 'शिक्षा के अधिकार' पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का स्वागत करते हैं जिन्हें मौलिक अधिकारों में शामिल किया गया है। इस पहल की सराहना की जानी चाहिए।"
मध्य प्रदेश में भोपाल, इंदौर, उज्जैन, खंडवा, झाबुआ, सतना, ग्वालियर, सागर और जबलपुर में नौ धर्मप्रांत हैं।
राज्य के नागरिकों के सामान्य जीवन और नैतिक स्तर को बढ़ाने हेतु सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और शैक्षिक कार्यक्रमों को समन्वय के लिए प्रत्येक धर्मप्रांत के तहत चार या पांच जिले आते हैं।
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