इन्दौर, बुधवार,1 नवम्बर 2017( एशियान्यूज) : इंदौर धर्मप्रांत की फ्राँसिसकन क्लारिस्ट धर्मसमाज की धर्मबहन प्रभु सेविका रानी मरिया 4 नवंबर को धन्य घोषित की जायेंगी। 22 साल पहले 25 फरवरी 1995 को देवास जिले के उदयनगर में समुंदरसिंह ने चलती बस में चाकू से 54 बार वार करके सिस्टर की हत्या कर दी थी।
इन्दौर धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष चाको थोट्टूमारिकाल ने एशियान्यूज से कहा, "हमें यकीन है कि सिस्टर रानी मरिया, जिसने गरीबों की सेवा में उनके लिए काम करते हुए शहीद हो गई, वे लोगों की भलाई हेतु हमारी सेवा और कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाएंगी।" सीरो मालाबार कलीसिया के धर्मगुरु कीर्डिनल जोर्ज अलेंचेरी ने कहा, "यह भारतीय कलीसिया के लिए एक वरदान है।"
तीन दिवसीय महोत्सव में 3 नवंबर को शाम 7 से 8 बजे तक रेड चर्च में संध्या प्रार्थना होगी। 4 नवंबर को सुबह 10 बजे संत पॉल स्कूल परिसर में धन्य धोषणा का समारोह होगा इसके मुख्य अनुष्ठाता रोम के परमधर्मपीठीय संत प्रकरण परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल अंजेलो अमातो होंगे।
धर्माध्यक्ष चाको ने बताया कि आयोजित कार्यक्रम में सीरो मलंकरा के कार्डिनल बसेलियो क्लिमिस, सीरो मलाबार कार्डिनल जॉर्ज अलचेरी, मुंबई के कार्डिनल ओसवाल ग्रेशियस और रांची के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तेलेस्फोर टोप्पो और कई धर्माध्यक्षों के साथ हजारों की संख्या में पुरोहितगण व धर्मबहनें शामिल होंगे। इस समारोह में शरीक होने करीब 10 हजार विश्वसियों के आने की उमीद है। केरल से सिस्टर रानी के परिवार वालों सहित अनेक तीर्थयात्री समारोह में भाग लेने पहुँचेंगे। इंदौर धर्मप्रांत और फ्रांसिसकन क्लारिस्ट धर्मसंघ के संयुक्त तत्वावधान में सिस्टर रानी मारिया को धन्य घोषित किया जाएगा।
5 नवंबर को धन्यवाद मिस्सा का अनुष्ठान प्रेरितिक राजदूत मोन्सिन्योर जॉनबप्तिस्ता उदयनगर के पवित्र हृदय गिरजाघर में करेगें जहाँ सिस्टर रानी मरिया का नवनिर्मित समाधि है।
रानी मरिया का इतिहास
सिस्टर रानी मरिया का जन्म 29 जनवरी 1954 को केरल के गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। 1974 में व्रत धारण कर फ्रांसिसकन क्लारिस्ट धर्मसमाज की धर्मबहन बनीं। 1992 में देवास जिले के उदयनगर में उनकी नियुक्ति हुई। समाजसेविका के रुप में गरीब और भूमिहीनों के अधिकारों के लिए लड़ती रही। 22 साल पहले 25 फरवरी 1995 को उदयनगर से पिपल्दा मार्ग पर बस में जा रही सिस्टर मारिया की समुंदरसिंह ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी।
परिजनों ने की थी माफी की अपील, बहन ने बांधी राखी
सिस्टर के माता-पिता ने उनके हत्यारे को माफ किया और कोर्ट से हत्यारे की सजा कम करने की अपील की। इसके चलते 20 साल की सजा को कम कर समंदरसिंह को 11 साल 8 माह में छोड़ दिया गया।
सिस्टर की मां ने हत्यारे के हाथों का चुंबन लेकर कहा था कि इन हाथों पर मेरी बेटी का खून लगा है। मैं येसु के पवित्र नाम पर तुम्हें माफ करती हूँ। उनकी छोटी बहन सिस्टर सेल्मी पॉल ने 2002 में जेल जाकर हत्यारे को राखी बांधी थी।
सिस्टर मरिया के पार्थिव शरीर को उदयनगर के गिरजाघर के बाहर दफनाया गया था। अब उनकी कब्र को दोबारा खोदकर उनके अवशेष को गिरजाघर के अंदर नवनिर्मित समाधि में रखा गया है।
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