2017-10-26 16:20:00

संत पापा ने स्कॉटलैंड की कलीसिया के प्रतिनिधियों से मुलाकात की


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 26 अक्टूबर 2017 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 26 अक्टूबर को वाटिकन में स्कॉटलैंड की कलीसिया के प्रतिनिधि डॉ. देरेक ब्राऊनिंग से मुलाकात की तथा कहा कि ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता का एक महत्वपूर्ण परिणाम है यादों का शुद्धिकरण।

संत पापा ने प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए याद किया कि उनकी यह मुलाकात सुधार की पाँचवीं शतवर्षीय जयन्ती के अवसर पर आयोजित की गयी है जिसको उन्होंने गत वर्ष अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान लूंड में मनाया था। संत पापा ने काथलिक कलीसिया एवं प्रोटेस्टेंट कलीसिया के बीच लम्बी अवधि के बाद इस सच्चे भ्रातृत्व एवं मित्रता की भावना के लिए ईश्वर को कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा, ″हम ईश्वर को धन्यवाद दें कि उन्होंने इस वर्ष में सच्चे भ्रातृत्व के साथ जीने का महान वरदान दिया है। सदियों पुरानी तनाव और संघर्ष के बाद अब हम एक-दूसरे के विरोधी नहीं रह गये हैं। यह ईश्वर की कृपा द्वारा ही सम्भव हो पाया है, खासकर, ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता की यात्रा द्वारा जिसने हमें आपसी समझदारी, विश्वास एवं सहयोग की भावनाओं में बढ़ने का अवसर दिया है।″ उन्होंने कहा कि बीती यादों का शुद्धिकरण, हमारे एक साथ चलने का ही महत्वपूर्ण परिणाम है। भूतकाल में जो घटनाएं घटीं उनमें बदलाव नहीं लाया जा सकता है फिर भी आज हम एक-दूसरे को एक ही ईश्वर की संतान के रूप में देख पा रहे हैं क्योंकि  हम सबसे पहले ईश्वर की संतान हैं, एक बपतिस्मा के द्वारा ख्रीस्त में हमारा नया जन्म हुआ है अतः हम एक-दूसरे के भाई-बहन हैं। वर्षों तक हम एक-दूसरे से दूर रहे, विभाजित होकर गलतियों में जीते रहे तथा बीती गलतियों के लिए अपने हृदय में एक-दूसरे के प्रति अभियोग की धारणा बनाये रखे। 

संत पापा ने कहा कि सुसमाचार की प्रेरणा द्वारा हमने अब विनम्र उदारता का पथ अपना लिया है जो हमें विभाजन से बाहर आने एवं घावों पर चंगाई प्राप्त करने की ओर अग्रसर करता है। हमने एकता हेतु वार्ता की शुरूआत की है और जिसके लिए उस भाषा का प्रयोग किया है जो ईश्वर से आती है, यह भाषा सुसमाचार प्रचार हेतु आवश्यक है क्योंकि हम किस तरह ईश्वर के प्रेम का प्रचार कर सकते हैं यदि हम एक-दूसरे से प्रेम नहीं करते (1यो. 4:8)?

संत पापा ने स्कॉटलैंड की कलीसिया के प्रतीक (जलती झाड़ी जिसके सामने मूसा ने जीवन्त ईश्वर से मुलाकात की) पर प्रकाश डालते हुए ईश्वर के बुलावे का स्मरण दिलाया तथा कहा, ″मैं पवित्र धर्मग्रंथ की इस घटना से अत्यन्त प्रभावित हूँ कि प्रभु अपना नाम बतलाते हुए, बुलाते हैं और यह बुलावा सदियों तक गूँज रहा है, ″तुम्हारे पिता का ईश्वर।″  (निर्ग. 3:15).

इस तरह वे हमें भी अपने पुत्र-पुत्रियों की तरह बुला रहे हैं ताकि हम इतिहास में उन लोगों के साथ संबंध जोड़ सकें जिन्होंने व्यक्तिगत एवं सामुदायिक रूप से विश्वास का जीवन जीया था।

संत पापा ने कहा कि कोई भी व्यक्तिगत रूप से ख्रीस्तीय नहीं बन सकता, वह दूसरों के साथ मिलकर ही ख्रीस्तीय समुदाय का निर्माण करता है। हम विश्वासियों के परिवार के सदस्य हैं अतः हम उन सभी भाई बहनों का साथ दें जो बपतिस्मा प्राप्त कर नवीन रास्ते पर चलने का प्रयास कर रहे हैं।

संत पापा ने मुलाकात के दौरान उन ख्रीस्तीयों की विशेष याद की जो येसु के नाम पर अत्याचार झेल रहे हैं। उन्होंने कहा, ″कई लोगों को अपने विश्वास की अभिव्यक्ति के कारण भारी क्रूस ढोना पड़ रहा है और बहुतों को शहादत तक का भी सामना करना पड़ रहा है।″ उन्होंने कहा कि उनका साक्ष्य प्रेम एवं साहस में अंत तक धीर बने रहने हेतु प्रेरित करता है। एकता हेतु हमारी वार्ता, हमारा साक्ष्य तथा सेवा एवं प्रार्थना के प्रति हमारा सामूहिक समर्पण हमें भूतकाल के सभी घावों से चंगाई पाने में मदद दे।

संत पापा ने आशा व्यक्ति की कि हमारी एकता बढ़ती जाए और भविष्य के लिए अधिक फल लाये। उन्होंने पवित्र आत्मा से प्रार्थना की कि वह हमें येसु ख्रीस्त के साथ मित्रता में बढ़ने एवं पिता की महिमा हेतु एकता की यात्रा में हमारा साथ दे। 








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