2017-10-25 14:49:00

″मानव का स्वास्थ्य एवं ग्रह का स्वास्थ्य: हमारा कर्तव्य″ पर कार्यशाला


वाटिकन सिटी, बुधवार, 25 अक्तूबर 2017 (रेई): ″अभूतपूर्व पर्यावरणीय परिवर्तन″ का समाधान करने के लिए 2 से 4 नवम्बर 2017 को विज्ञान हेतु गठित परमधर्मपीठीय अकादमी (पीएएस) तथा सामाजिक विज्ञान हेतु निर्मित परमधर्मपीठीय अकादमी (पीएएसएस) के संयुक्त तत्वधान में, वाटिकन सिटी के कसिना पीयो चतुर्थ में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया है। 

कार्यशाला के आयोजकों ने इस बात को रेखांकित किया कि इन परमधर्मपीठीय प्रायोजकों द्वारा पर्यावरण एवं जलवायु मुद्दों पर विगत सालों में कई सभाओं का आयोजन किया गया है फिर भी, वे वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रभावों में पूरी तरह निदान नहीं पा सके हैं।

उन्होंने कहा, ″जीवाश्म ईंधन पर निर्भर करना और ठोस बायोमास जलाना, वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के प्रमुख स्रोत हैं।″ उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार वायु प्रदूषण का लोगों के स्वास्थ्य पर असर 1950 ई. पुराना है और अब इस प्रदूषण से स्वास्थ्य पर स्पष्ट असर देखा रहा है जबकि जलवायु परिवर्तन का स्वास्थ्य पर असर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से महसूस किया जा रहा है जिसपर लोगों ने बहुत बाद में ध्यान दिया है।

कार्यशाला में मानव स्वास्थ्य एवं पारिस्थितिकी प्रणालियों के सुधार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा तथा मानव एवं जलवायु के बीच आपसी संबंध पर गौर किया जाएगा।

कार्यशाला में इस बात पर भी दृष्टिपात किया जाएगा कि लोगों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने के द्वारा जनता एवं राजनीतिक नेता एक साथ आयेंगे ताकि वायु प्रदूषण को रोकने हेतु अधिक ठोस उपाय अपनाये जाएँ तथा जलवायु परिवर्तन का स्तर खतरे की रेखा से नीचे हो एवं पृथ्वी के आवश्यक जीवन समर्थन प्रणालियों की रक्षा के लिए नीतियां लागू की जा सके।

कार्यशाला के इन दो दिनों को मुख्य रूप से लोगों के स्वास्थ्य एवं पारिस्थितिकी तंत्र के विस्तृत मूल्यांकन पर व्यतीत किया जाएगा। प्रतिभागी इंधनों के जलने से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव तथा जलवायु परिवर्तन के परिणामों का अवलोकन करेंगे एवं उनका दस्तावेज तैयार करेंगे।








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