2017-10-24 17:13:00

धन की पूजा बच्चों को भूखों मार डालती है, संत पापा


वाटिकन सिटी, मंगलवार 24 अक्टूबर 2017 (वीआर, रेई) : आये दिन मीडिया पर बहुत आपदाओं और अन्याय देखने-सुनने को मिलते हैं विशेषकर बच्चे इसके शिकार होते हैं।आइये हम पूरे मन और दिल से उन लोगों के हृदय परिवर्तन के लिए प्रार्थना करें ताकि वे ईश्वर को जान पायें और ईश्वर की पूजा अर्चना करें, न कि रुपयों की। उक्त बातें संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को अपने प्रेरितिक निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग के दौरान अपने प्रवचन में कही।

धन की पूजा

संत लूकस के सुसमाचार पाठ से लिये गये अमीर मूर्ख के दृष्टान्त पर चिंतन करते हुए संत पापा ने कहा अमीर मूर्ख को अपने रुपये और नश्वर धन-दौलत पर घमंड था उसने प्रभु के साथ संबंध बनाने और सच्चे खजाने को खोजने की कोई परवाह नहीं की। उस धनी व्यक्ति के खेत में बहुत अच्छी फसल हुई। उसने अपने पुराने भंडार तोड़वाकर नया बड़ा भंडार बनवाना चाहा। धन कमाने का लालच बढ़ता गया। अपने धन से वह संतुष्ट नहीं था और इस तरह वह उपभोगतावाद के चक्रव्यूह में फंसता गया।

संत पापा ने कहा, "ईश्वर पैसे के लिए इस लगाव की सीमा रखता है।" आज भी रुपये के गुलाम हैं जो रुपये की पूजा करते हैं। वे रुपये और सिर्फ ढेर सारे रुपये कमाने की चिंता में लगे रहते हैं। उन्हें दूसरों की कोई चिंता नहीं रहती। वे नहीं जानते कि ईश्वर में समृद्ध होने का क्या अर्थ है। संत पापा ने अरजेंटीना के एक धनी व्यापारी का उदाहरण दिया जो गंभीर रुप से बीमार होते हुए भी बड़ा विला खरीदा। उसे यह विचार भी न आया कि कुछ ही दिनों का मेहमान है और उसे ईश्वर के पास जाना है।

रुपये की पूजा बच्चों को भूखों मार डालती है

संत पापा ने कहा,″आज भी, अनेक लोगों रुपये और सांसारिक संपत्ति की भूख लगी है। उनके भूख का शिकार के बच्चे होते हैं जिन्हें खाने को नहीं है। इन बच्चों को दवाओं और शिक्षा की कमी है और इनको अकेला छोड़ दिया जाता है।" संत पापा ने जोर देकर कहा, ″शरणार्थी शिविरों में 800,000 लोगों में से 200,000 रोहिंगिया बच्चे ऐसे हैं जिनहें मुश्किल से खाने को कुछ मिलता है वे कुपोषित हैं और उनके पास दवायें नहीं हैं।असंख्य बच्चे भूखों मर रहे हैं। संत पापा ने उपस्थित विश्वसियों को उन लोगों के लिए प्रार्थना करने का आग्रह किया कि ईश्वर उनका हृदय परिवर्तन कर दे वे रुपये की पूजा से उपर उठकर सच्चे ईश्वर की पूजा कर सकें और अपने धन का सही तरह से उपयोग करते हुए अनेक लोगों की भूख मिटा सकें।

लालच युद्ध को बढावा देती है

संत पापा ने कहा कि धन का लालच देश, समाज और परिवार में युद्ध को लाती है। धन के कारण अनेक परिवार बंट जाते हैं। खून खराबा हो जाता है। ईश्वर हमें याद दिलाते हैं कि वे ही सच्चे धन हैं। हमें उसे पाने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। हमें हमारे अस्थित्व के ठोस आधार ईश्वर की खोज करनी चाहिए।








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