2017-10-23 15:22:00

जीवन के मालिक ईश्वर के प्रति हमारा कर्तव्य


वाटिकन सिटी, सोमवार, 23 अक्टूबर 2017 (रेई): वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में, रविवार 22 अक्टूबर को विश्व मिशन रविवार के अवसर पर, संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, ″अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

इस रविवार का सुसमाचार पाठ (मती. 22,15-21) येसु एवं उनके प्रतिद्वंद्वियों को पुनः एक बार आमने-सामने लाता है। उनके विवाद का मुख्य विषय था कैसर का कर, जो एक ″कंटीला″ सवाल था, ‘कैसर को कर देना उचित है अथवा नहीं’? (पद.17) सवाल द्वारा वे प्रभु को फंसाना चाहते थे। वास्तव में, उन्हीं के उत्तर द्वारा वे उन्हें अभियुक्त सिद्ध करने की कोशिश कर रहे थे ताकि वे रोम के विरूद्धी माने जाएँ। किन्तु येसु ने इस मामला को शांति पूर्ण ढंग से लिया तथा उनके शरारती सवाल का करारा जवाब देते हुए एक महत्वपूर्ण शिक्षा दी एवं विवाद से अपने को ऊपर उठाया और उसे काबू में लिया। येसु ने फरीसियों से कहा, ″कर का सिक्का मुझे दिखलाओ।″ जब उन्होंने एक दीनार प्रस्तुत किया तो ईसा ने उन से कहा, ″यह किसका चेहरा और किसका लेख है? उन्होंने उत्तर दिया, ″कैसर का″। इस पर ईसा ने उन से कहा,  ″तो जो कैसर का है उसे कैसर को दो और जो ईश्वर का है उसे ईश्वर को।″ (पद. 19-21)

संत पापा ने कहा कि एक ओर जहाँ येसु कैसर को कर देने की बात कहने के द्वारा यह स्पष्ट करते हैं कि कर देना मूर्ति पूजा नहीं है किन्तु पृथ्वी पर अधिकारी होने के कारण उसके प्रति हमारा कर्तव्य बनता है, वहीं दूसरी ओर वे हमें ईश्वर की सर्वोच्चता का स्मरण दिलाते हैं कि जीवन एवं इतिहास के मालिक ईश्वर के प्रति हमारा क्या कर्तव्य है।

सिक्के में कैसर के चेहरे का संदर्भ लेते हुए येसु ने कहा है कि हमें राज्य के अधिकार एवं कर्तव्य में पूरी तरह सहभागी होना चाहिए किन्तु प्रतीकात्मक रूप से वे हमें उस चेहरे पर चिंतन करने के लिए प्रेरित करते हैं कि जो प्रत्येक व्यक्ति के अंतःस्थल में अंकित है, यानी ईश्वर का चेहरा। वे सभी के प्रभु हैं और हम जो उनके प्रतिरूप में गढ़े गये हैं, सबसे पहले उनके हैं। फरीसियों के माध्यम से येसु हमसे अधिक गहरा एवं महत्वपूर्ण सवाल करते हैं कि हम कहाँ से आते हैं? किस परिवार, शहर, मित्र, स्कूल, कार्य, राजनीति अथवा राष्ट्र से? जी हाँ, किन्तु सबसे पहले येसु हमें स्मरण दिलाते हैं कि हम ईश्वर से आते हैं। यह हमारी मौलिक सदस्यता है। हम जो हैं और हमारे पास जो है वह सब कुछ ईश्वर की ओर से मिला है अतः हमारे जीवन में दिन प्रति दिन हमें हमारे मौलिक सदस्यता को पुनः समझना होगा तथा हमारे हृदय को पिता की ओर अग्रसर करना होगा जिन्होंने हम प्रत्येक की सृष्टि, अलग-अलग एवं बेजोड़ किन्तु अपने प्रेमी पुत्र येसु के प्रतिरूप में की है। यह एक अनोखा रहस्य है।      

संत पापा ने ख्रीस्तीयों को स्मरण दिलाया कि ″ख्रीस्तीयों का बुलावा ईश्वर की उपेक्षा किये बिना मानवीय एवं सामाजिक यथार्थता में एक ठोस समर्पण के लिए हुआ है। ईश्वर तथा कैसर का विरोध करने के द्वारा हमारा मनोभाव एक चरमपंथी का मनोभाव बन सकता है। उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीय बुलाये गये हैं ताकि वे ठोस रूप से पृथ्वी की सच्चाईयों को उजागर करने में संलग्न हों, उस प्रकाश से प्रकाशित करें जो ईश्वर से आता है। ईश्वर पर भरोसा एवं आशा हमें सच्चाइयों से भागने के लिए प्रेरित नहीं करता बल्कि ईश्वर के कार्य को अधिक प्रभावशाली ढंग से पूरा करने की प्रेरणा देता है। यही कारण है कि एक विश्वासी भविष्य को आशा के साथ देखता है, ईश्वर के लिए इस पृथ्वी पर पूर्ण रूप से जीता तथा चुनौतियों का सामना साहस के साथ करता है।

संत पापा ने धन्य कुँवारी मरियम से प्रार्थना की कि वे हमें ईश्वर के प्रतिरूप के अनुसार जीने में सहायता दे उसी रूप में जिस रूप में उन्होंने हमें निर्मित किया है और साथ ही साथ हम विश्व के निर्माण में भी अपना योगदान दे सकें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत उन्होंने देश-विदेश से एकत्रित सभी तीर्थयात्रियों एवं पयर्टकों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा ″और अब मैं इटली तथा विभिन्न देशों से आये सभी तीर्थयात्रियों का अभिवादन करता हूँ, खासकर, लक्समबर्ग और इबिजा के विश्वासियों, ब्राजील के मरियम के पवित्र हृदय को समर्पित परिवार आंदोलन तथा दुःखों की माता मरियम की धर्मबहनों का।″ संत पापा ने रोम में रहनेवाले पेरू वासियों को आशीर्वाद दिया। उन्होंने इटली के विभिन्न पल्लियों के विश्वासियों को धन्यवाद दिया तथा उन्हें विश्वास की यात्रा में सानंद आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया।

अंत में संत पापा ने प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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