2017-10-07 16:42:00

मिज़ोरम में हिन्दू देवता की तस्वीर जलाने पर काथलिक धर्माध्यक्ष की प्रतिक्रिया


नई दिल्ली, शनिवार, 7 अक्तूबर 2017 (ऊकान): मिज़ोरम में हिंदू देवता की तस्वीर तथा भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जलाये जाने की, भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने कड़ी आलोचना की है जिसको जलाने का आरोप एक ख्रीस्तीय समुदाय पर लगाया गया है।    

नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई के प्रमुख कार्यालय से निर्गत प्रेस विज्ञाप्ति में आगजनी की इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण एवं परेशान करने वाला कहा गया है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार घटना 21 सितम्बर की है जो मिज़ोरम के लुंगलेई जिला में घटी। पुलिस ने सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के मकसद से इस घटना को प्रकाशित करना से मना किया था हालांकि इस संबंध में सात लोगों को गिरफ्तार भी किया था।

इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप में दिखाया गया है कि एक आदमी क्रूस पकड़े कई लड़कों के साथ, हिंदू धर्म के खिलाफ नारे लगा रहा है। वीडियो में व्यक्ति यह नारा लगाते सुनाई पड़ता है, ″हम लम्बे समय से हिन्दूओं के अधीन रहे हैं। हम लम्बे समय तक भारत के अधीन हैं। हम अपने को आजाद करना चाहते हैं।″ यह कहते हुए वह हिन्दू देवता पर आग लगाता दिखाई देता है जबकि दूसरे लड़के भारत के राष्ट्रीय झंडे पर पेट्रोल छिड़क कर उसे जलाने जाते दिखते हैं।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा जारी वक्तव्य में यह कहते हुए खेद प्रकट किया गया कि ऐसा करने के द्वारा ख्रीस्त के नाम पर दूसरों के धर्म का अपमान किया गया। सीबी सीआई के महासचिव धर्माध्यक्ष मसकरेनहास ने कहा कि इस अपराध को अंजाम देने वाले ख्रीस्त के शिष्य होने का दावा नहीं कर सकते, क्योंकि ख्रीस्त ने देश को उनके देवताओं के साथ सम्मान करना सिखलाया है। एक ख्रीस्तीय के रूप में हम उसी तरह ईश्वर को प्यार करते और उनकी पूजा करते हैं जिस तरह देश के अन्य लोग प्रेम और निःस्वार्थ भाव से देश की सेवा करते हैं।

धर्माध्यक्ष मसकरेनहास ने यह भी कहा कि कलीसिया हिन्दू भाइयों के प्रति सहानुभूति प्रकट करती है जिन्हें इस दुर्भाग्यपूर्ण एवं अस्वीकार्य घटना से चोट पहुँची है।

उन्होंने कहा कि धर्म सेतु के निर्माण एवं लोगों के जीवन को जोड़ने के लिए है। इसका प्रयोग कभी भी दूसरे मानव प्राणी के प्रति घृणा फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए। 

प्रेस विज्ञप्ति में इस बात पर जोर दिया गया कि कलीसिया हर प्रकार के कट्टरवाद एवं सांप्रदायिकता का विरोध करती है जो ख्रीस्तीय सिद्धांत के विपरीत, विभाजन और घृणा फैलाने का प्रयास करता है।

″काथलिक कलीसिया अन्य ख्रीस्तीय कलीसियाओं के साथ हमेशा देश की एकता, शांति एवं लोगों के बीच सौहार्द फैलाने हेतु खड़ी है।″ धर्माध्यक्ष ने याद किया कि ख्रीस्तीय समुदाय शांति प्रिय समुदाय है तथा देश के प्रति अपने प्रेम के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि हम कड़े शब्दों में ध्वज के जलाये जाने की निंदा करते हैं।

पुलिस सूत्रों ने यह खुलासा किया है कि वह व्यक्ति लालरिनामा था, जो ईसाई प्रचारक होने का दावा करता है। पुलिस ने यह भी कहा कि कुछ महीने पहले ही इस 'संप्रदाय' का प्रादुर्भाव हुआ है।

अखबार की रिपोर्टों में कहा गया है कि उपदेशक ने तीन दिन बाद येसु के समान जी उठने का दावा करते हुए कई बार खुद को दफनाने की कोशिश की है, हालांकि, ग्रामीण उसके इन दावों के बावजूद उसके पीछे चलाने के विचार से उत्साहित नहीं हैं।

मिजोरम उत्तपूर्वी भारत के तीन ख्रीस्तीय बहुल राज्यों में से एक है। 2011 की जनगणना के आधार पर 87 प्रतिशत मिज़ोस लोग ख्रीस्तीय हैं और उनमें से अधिकतर प्रेसबेतेरियन ख्रीस्तीय समुदाय के हैं। राज्य में बौद्ध धर्मावलंबियों की संख्या 8.5 है जबकि हिन्दू मात्र 2.7 प्रतिशत हैं।








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