2017-10-02 18:17:00

संत पापा ने विस्थापितों के प्रति सहानुभूति प्रकट की


वाटिकन सिटी, सोमवार, 2 अक्तूबर 2017 (वीआर अंग्रेजी): संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को इटली के दो शहरों चेसेना एवं बोलोन्या में प्रेरितिक यात्रा के दौरान विस्थापितों से मुलाकात की।

ख्रीस्त – स्वीकृत या बहिष्कृत

हज़ारों विस्थापितों को सम्बोधित कर संत पापा ने कहा कि कई लोग जो उन्हें नहीं पहचानते, उनसे भय रखते हैं और उन्हें कठोर एवं रूखे नजर से देखते हैं जबकि उन्हें नजदीक से दया के साथ देखे जाने की आवश्यकता है क्योंकि जब तक हम अपने पड़ोसियों को दया की नजर से नहीं देखेंगे उनकी पीड़ा एवं समस्याओं को नहीं समझ पायेंगे। ″प्रत्येक अजनबी जो हमारे द्वार पर दस्तक देते हैं, उनमें हम येसु को देखें जो अपने को हर युग और परिस्थिति में स्वीकृत अथवा बहिष्कृत स्थिति में प्रकट करते हैं।″   

आशा के योद्धा

संत पापा ने उनसे कहा कि वे उनके बीच इसलिए आये हैं ताकि उनकी नजरों को अपनी नजरों में एवं उनके हृदयों को अपने हृदयों में ले सकें। उन्होंने कहा, ″मैं अपने साथ आपके चेहरों को लेना चाहता हूँ जो मुझसे याद किये जाने एवं सहायता किये जाने की मांग कर रहे हैं। वे भविष्य की आशा के साथ यहाँ पहुँचे हैं जबकि कई लोग मरूस्थल एवं समुद्र द्वारा निगल लिए गये। लोग भले ही उनकी याद नहीं करते किन्तु ईश्वर उन्हें नाम से जानते एवं उनका स्वागत करते हैं।″ संत पापा ने कुछ क्षण मौन रखकर उनके लिए प्रार्थना की।

विस्थापितों की यादकर उन्होंने कहा कि वे आशा के योद्धा हैं। उन्होंने शुभकामनाएँ दी कि उनकी आशा कभी धोखा में न पड़े अथवा निराशा में परिणत हो जाए। संत पापा ने उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जो उनकी मदद करते हैं। उन्होंने सभी शरणार्थियों को उनके स्वागत करने वाले शहरों के लिए परिश्रम करने एवं वहाँ के नियमों के अनुसार चलने का परामर्श दिया।

एकीकरण

प्रवासियों और शरणार्थियों की परिस्थिति के संबंध में, संत पापा ने विरूपण या शोषण को रोकने के लिए दृढ़संकल्प करने का निमंत्रण दिया जो तब अधिक अस्वीकार्य हो जाता है जब वे गरीबी के शिकार हो जाते हैं।

संत पापा ने विभिन्न राष्ट्रों से अपील की कि वे कठिन परिस्थिति में पड़े शरणार्थियों के लिए मानवीय दरवाज़ों को खोलने में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक समर्थन के कार्यक्रमों में भाग लें।

विस्थापितों को सम्बोधित करने के उपरांत उन्होंने कई लोगों के साथ व्यक्तिगत मुलाकात में काफी समय दिया।








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