2017-09-30 17:10:00

हम सुसमाचार प्रचार हेतु बुलाये गये हैं, संत पापा


वाटिकन सिटी, शनिवार, 30 सितम्बर 2017 (वीआर अंग्रेजी): संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 29 सितम्बर को नवीन सुसमाचार प्रचार को प्रोत्साहन देने हेतु बनी परमधर्मपीठीय समिति की आमसभा के प्रतिभागियों से मुलाकात की।

वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास के सामान्य लोकसभा परिषद भवन में सदस्यों से मुलाकात कर संत पापा ने 2016 में मनाये जाने वाले असाधारण जयन्ती वर्ष पर प्रकाश डाला तथा कहा कि समिति के निर्देशन में यह पवित्र वर्ष कृपा का समय रहा जिसे समस्त कलीसिया ने बड़े विश्वास एवं गहरी आध्यात्मिकता के साथ मनायी। संत पापा ने कहा कि वर्तमान समय उस अनुग्रहपूर्ण वर्ष की ऊर्जा का उपयोग करने का समय है।

उन्होंने कहा, ″हम उस अत्यधिक उत्साह को धूमिल होने अथवा भूला दिए जाने नहीं दे सकते।″ उन्होंने ईश प्रजा द्वारा करुणा के वरदान को, खासकर, मेल-मिलाप संस्कार के माध्यम से, विशेष रूप से अनुभव करने की याद कर कहा कि वह ईश्वर की अच्छाई एवं कोमलता को उनकी असीम क्षमाशीलता द्वारा अनुभव करने का सुन्दर अवसर था।

सुसमाचार प्रचार की प्रेरिताई पर जोर देते हुए संत पापा ने कहा कि यह प्रेरिताई विश्वासियों का है जिसको सभी ख्रीस्तीय विश्वासी, कलीसिया में अपने स्तर से पूरा करने के लिए बुलाये गये हैं। ″हर व्यक्ति जिसके पास हम जाते हैं वह समस्त मानव जाति के रूप में एकता का धन है जिसकी पहचान करने एवं जिसको महत्व देने के लिए कलीसिया बुलायी गयी है।″   

संत पापा ने ईश प्रजा के सुसमाचार प्रचार की प्रकृति की व्याख्या करते हुए कहा हरेक व्यक्ति को ख्रीस्त के सुसमाचार में बदलने एवं उसमें प्रवेश करने की आवश्यकता है। उस बुलाहट के प्रति सचेत रहने की जो प्रत्येक व्यक्ति को परिवर्तित करता। जो अपने आप को और संदेश जिसके वे वाहक हैं पारस्परिक संबंधों की एक जटिल मिलान में डालता है, "जो विश्वासियों के समुदाय की गहरी एकता और मानवता के अनुभव को सक्षम बनाता है।

संत पापा ने कहा कि इसके लिए वर्तमान स्थिति के अनुसार एक विशेष रास्ते की आवश्यकता है जिसमें हम एक नई संस्कृति से प्रभावित हैं जो तकनीकी का फल है, जब यह हमें अपने विजय के लिए आकर्षित करता है, यह एक सच्चा पारस्परिक संबंध और एक-दूसरे के प्रति रूचि की कमी को स्पष्ट रूप से प्रकट करता है।

संत पापा ने सदस्यों से कहा कि नवीन सुसमाचार प्रचार जिसके लिए वे बुलाये गये हैं, निश्चय ही, कलीसिया का कार्य है उन लोगों का जो ईश्वर की ओर यात्रा कर रहे हैं जिसमें सामाजिक मूल्यों के द्वारा सच्चे मानव विकास को भूले बिना, अर्थ एवं ठोस प्रेरितिक अभ्यास के क्षितिज को खोजने के द्वारा सुसमाचार की प्रेरणा को प्रोत्साहन दे सकें।








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