2017-09-27 17:03:00

विन्सेन्सियन समुदाय के कारिस्मा की चौथी शताब्दी पर संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, बुधवार, 27 सितम्बर 2017 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने संत विन्सेंट डी पौल के नाम दिवस पर पूरे विन्सेंट धर्मसंघ समुदाय के कारिस्मा के चौथे शताब्दी के अवसर पर आभार प्रकट करते हुए उन्हें बधाई दी और संत विन्सेंट डी पौल के मूल्यों को उजागार करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया।  

संत पापा ने कहा कि विन्सेंट खुद और ईश्वर की तलाश में सदा प्रयत्नशील थे। गरीबों की सेवा में एक भला चरवाहा के रुप में उसने येसु से मुलाकात की। ″प्रभु ने मुझे भेजा है जिससे मैं दरिद्रों को सुसमाचार सुनाऊँ।″ (लूका 4: 18) सुसमाचार के इस वाक्य ने विन्सेंट को मिशन के लिए प्रेरित किया और उन्होंने जीवन के अंतिम क्षणों तक गरीबों की सेवा में अपने आप को समर्पित कर दिया।

गरीबों के बीच येसु को लाने की तीव्र इच्छा से संत विन्सेंट ने विशेष रुप से पुरोहितों के प्रशिक्षण पर खुद को समर्पित किया। उन्होंने अपने साधारण जीवन द्वारा उन्हें उदाहरण दिया। पहले ख्रीस्तीय समुदाय जो "एक दिल और मन" थे, (प्रे.चरित 4:32) उनसे प्रेरित होकर, संत विन्सेन्ट ने असहाय और जरुरत मंद लोगों की देखभाल करने के लिए चारिटी के सह-भाईचारे समुदाय की स्थापना की। संत विन्सेंट कहा करते थे ″जब कभी गरीबों से मुलाकात करते हो तो याद रखो कि तुम येसु से मुलाकात करते हो।″ क्योंकि प्रभु कहते हैं, "तुमने मेरे इन भाइयों में से किसी एक के लिए, चाहे वह कितना ही छोटा क्यों न हो, जो कुछ किया, वह तुमने मेरे लिए ही किया।" (मत्ती 25:40)

अंत में संत पापा ने संत विन्सेंट डी पौल के सभी धर्मसंघियों के लिए अपनी प्रार्थना का आश्वासन देते हुए उन्हें गरीबों, असहायों और जरुरत मंदों में येसु को पहचानने और खुशी के साथ उनकी सेवा हेतु अपना जीवन समर्पित करते की प्रेरणा दी।








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