2017-09-19 16:51:00

ईशनिंदा के आरोप में पाकिस्तानी युवक को मृत्यु दण्ड


पाकिस्तान, मंगलवार, 19 सितम्बर 2017 (वीआर अंग्रेजी): पूर्वी पाकिस्तान के एक अदालत ने जेम्स नादिम नामक एक ख्रीस्तीय को ईशनिंदा के आरोप में मृत्यु दण्ड की सज़ा सुनाई है। शुक्रवार को एक वकील ने कहा कि जिन्होंने अपने एक मुस्लिम मित्र को वॉटसाप के माध्यम से कविता प्रेषित किया था जिसमें इस्लाम का अपमान था।

लाहौर के जेम्स नादिम को गत साल जुलाई माह में उस समय गिरफ्तार किया गया था जब उसके मित्र यासीर बाशीर ने पुलिस को शिकायत की कि उसने कविता के रूप में उनसे एक संदेश प्राप्त किया था जिसमें पैगंबर मोहम्मद और अन्य पवित्र व्यक्तियों के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया था।

बचाव पक्ष के वकील रियाज अंजुम ने एएफपी को बताया कि अदालत ने ईशनिंदा के आरोप में गुरुवार को मौत की सजा सुनाई। उन्होंने कहा कि उसका मुवक्किल बशीर द्वारा फंसाया गया था। उन्होंने कहा कि ″नादिम अपने मित्र के द्वारा इसलिए फंसाया गया क्योंकि उसका एक मुस्लिम लड़की के साथ प्रेम संबंध था जिसको वह पसंद नहीं कर रहा था।″ उन्होंने बतलाया कि सुरक्षा के मद्देनजर जाँच जेल के अंदर ही किया गया क्योंकि स्थानीय मौलवियों ने आरोपी और उनके परिवार को धमकी दी थी।

पाकिस्तान में पैगम्बर मोहम्मद का अपमान मृत्यु दण्ड के बराबर अपराध है जबकि इस्लाम पवित्र धर्मग्रंथ कुरान के अपमान के लिए आजीवन कारावास की सज़ा है। ईशनिंदा कानून मुख्य रूप से इस मुस्लिम राष्ट्र में एक अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है और देश के भीतर भी इसकी तीव्र आलोचना हुई है। मानव अधिकार संगठनों का कहना है कि व्यक्तिगत तकरार को व्यवस्थित करने के लिए कानून का दुरुपयोग किया जाता रहा है।

अल जज़ीरा ने एक हिसाब प्रस्तुत किया है कि राईट विंग रक्षक और भीड़ ने कानून को अपने हाथों में लेकर 1990 के बाद से, कम से कम 69 लोगों को मार डाला है। 








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