2017-09-16 16:41:00

रोहिंग्या संकट पर वाटिकन की प्रतिक्रिया


वाटिकन रेडियो, शनिवार, 16 सितम्बर 2017 (वीआर अंग्रेजी): रोहिंग्या मुसलमानों की दुर्दशा पर वाटिकन गंभीरता से विचार कर रही है जब संत पापा फ्राँसिस नवम्बर माह में म्यानमार एवं बँगला देश की प्रेरितिक यात्रा हेतु तैयारी कर रहे हैं।

वाटिकन के विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल गलाघेर ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि दी कि संत पापा ने वाटिकन में मई महीने में म्यानमार की नेता अंग सन सू की के साथ एक व्यक्तिगत मुलाकात में इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा कि देश के धर्माध्यक्ष रोहिंग्याई लोगों के गाँवों पर हमले को रोकने एवं उनके अधिकारों की रक्षा हेतु सरकार पर दबाव डालेंगे। 

महाधर्माध्यक्ष ने बतलाया कि उन्होंने रोहिंग्या संकट के बारे ईरान के राजनीतिक एवं धार्मिक नेताओं से विचार-विमर्श किया है। संत पापा फ्राँसिस एवं वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन दोनों ने ही रोहिंग्या के मुद्दे पर म्यानमार की नेता से बात की है। कार्डिनल बो ने कहा कि इस अत्यन्त जटिल एवं कठिन परिस्थिति में वे अधिकारियों पर दबाव डालना जारी रखेंगे।

महाधर्माध्यक्ष पौल ने इस बात पर बल दिया कि द्विपक्षीय संबंधों के विकास में जब कभी खतरा बढ़ा है संत पापा ने उस पर बोलने में बड़ा साहस दिखलाया है। उन्होंने यह भी कहा कि संत पापा जितना अधिक महान और सत्ता धारी लोगों के प्रति रूचि दिखाते हैं उतना ही अधिक पीड़ित और दुःखी लोगों का भी ख्याल रखते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या यह संकट म्यानमार एवं बंगलादेश में संत पापा की प्रेरितिक यात्रा के लिए खतरा उत्पन्न करेगा तो उन्होंने कहा कि ″जैसा कि हम जानते हैं इस प्रकार के संकट, संत पापा को उनके बीच पहुँचने में और अधिक बल देते हैं।″  








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