2017-09-09 12:02:00

राष्ट्रीय पुनर्मिलन सम्मेलन में प्रताड़ितों के संग सन्त पापा रोये


विलाविचेन्सियो, कोलोम्बिया, शुनिवार, 09 सितम्बर 2017 (रेई, वाटिकन रेडियो): कोलोम्बिया के विलाविचेन्सियो नगर स्थित "पार्के देल्ला फोनदादोरेस" उद्यान में शुक्रवार को आयोजित पुनर्मिलन सम्मेलन में सन्त पापा फ्राँसिस ने युद्ध में उत्पीड़न के शिकार बने कई लोगों के साक्ष्य सुनें। युद्ध में विकलांग हुए तथा शांति के प्रतीक रूप में श्वेत रंग के वस्त्र धारण किये लगभग 6000 व्यक्ति प्रार्थना समारोह शामिल हुए जिसे "राष्ट्रीय पुनर्मिलन के लिये महाप्रार्थना सम्मेलन का नाम दिया गया है।

प्रार्थना समारोह के लिये तैयार वेदी के ऊपर एक विघटित, विकृत और जले हुए काले क्रूस की प्रतिमा लटकी हुई थी जो हिंसा और मृत्यु की बुराई के प्रति सभी को सचेत कर रही थी। सन् 2002 में कोलोम्बिया के लड़ाका दल द्वारा एक गाँव के गिरजाघर पर किये बम धमाके में 80 श्रद्धालुओं के प्राण चले गये थे तथा गिरजाघर में प्रतिष्ठित क्रूस की प्रतिमा के कई अंश भंग हो गये थे। आज यही विघटित एवं विकृत प्रतिमा 50 वर्षों तक चले हिंसक एवं खौफ़नाक युद्ध का स्मृति चिन्ह बन गई है। 

सन्त पापा फ्राँसिस ने यहाँ स्मरण दिलाया कि हिंसा एवं मृत्यु और अधिक हिंसा एवं मृत्यु को भड़काती है और विनाश का अंतहीन चक्र तब तक चलता रहता है जब तक क्षमा और सुलह की शक्ति से इसकी जंजीर को तोड़ नहीं दिया जाता। सन्त पापा ने ध्यानपूर्वक प्रताड़ित और साथ ही प्रताड़ित करनेवालों के साक्ष्य सुने, उन्होंने हिंसा और दुर्व्यवहार की घटनाओं का विवरण सुना और उनसे कहा कि वे किसी प्रकार का परामर्श नहीं देना चाहते थे बल्कि एकात्मता दर्शाते हुए उनके साथ रोना चाहते थे ताकि आँसुओं के प्रवाह से उनके दिलों में भरा प्रतिशोध धुल जाये तथा वे शांति की ओर अत्यधिक कठिन तथापि मूलभूत कदम उठाने में सफल हो जायें।    








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