2017-09-08 17:37:00

आप कोलाम्बिया की आशा हैं, युवाओं से संत पापा


बोगोटा, शुक्रवार, 8 सितम्बर 2017 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने कोलंबिया में प्रेरितिक यात्रा के प्रथम दिन राजधानी बोगोटा के कार्डिनालित्सियो प्राँगण में सभी विश्वासियों एवं युवाओं का अभिवादन किया तथा उन्हें आशावान बनने की सलाह दी।

उन्हें सम्बोधित कर उन्होंने कहा, ″मैं बड़े आनन्द के साथ आप सभी का अभिवादन करता हूँ तथा आपके हार्दिक स्वागत के लिए धन्यवाद देता हूँ। ″तुम जिस घर में प्रवेश करते हो सबसे पहले यह कहो इस घर को शांति। यदि वहाँ कोई शांति के योग्य होगा तो उस पर तुम्हारी शांति ठहरेगी, नहीं तो वह तुम्हारे पास लौट आयेगी।″ (लूक. 10:5-6).

उन्होंने कहा कि आज कोलंबिया के इस घर प्रवेश करते हुए मैं भी आप सभी से भी यही कहता हूँ, ″आपको शांति मिले।″ यह यहूदियों का अभिवादन था और येसु का भी। मैं यह अभिवादन आप लोगों को प्रदान करता हूँ क्योंकि मैं यहाँ शांति और आशा के तीर्थयात्री के रूप में आया हूँ तथा इन मुलाक़ातों को आनन्द के साथ अनुभव करना चाहता हूँ, इस देश में आप प्रत्येक के जीवन में किये गये सभी कार्यों के लिए मैं ईश्वर को धन्यवाद देना चाहता हूँ।

मैं यहाँ पर सीखने आया हूँ, जी हाँ, आप सभी से सीखने, आपके विश्वास से, विपरीत परिस्थितियों में आपकी शक्ति से। आपने कठिन और अंधकारमय पलों को पार किया है किन्तु प्रभु आपके करीब हैं, इस देश के हरेक पुत्र और पुत्री के हृदय में। वे केवल चुने चुनाये लोगों पर ध्यान नहीं देते और न ही किसी का बहिष्कार करते किन्तु सभी का आलिंगन करते हैं। हम सभी उनके लिए महत्वपूर्ण एवं अनिवार्य हैं। इन दिनों मैं आप लोगों से एक महत्वपूर्ण सच्चाई को साझा करना चाहता हूँ कि ईश्वर आपको उस पिता के स्नेह से प्यार करते हैं जो आपको शांति की ओर देखने एवं उसकी अभिलाषा करने हेतु प्रोत्साहन देते हैं ऐसी शांति जो प्रामाणिक और स्थायी है।

मैं यहाँ बहुत सारे युवाओं को देख रहा हूँ जो देश के चारों ओर से आये हुए हैं। मेरे लिए युवाओं से मुलाकात करना हमेशा सुखद होता है। आज मैं आप से कहता हूँ- आनन्द को बनाये रखिये, यह एक युवा हृदय का चिन्ह है, ऐसा हृदय जिसने प्रभु के साथ मुलाकात की है। जिसको आप से कोई नहीं छीन सकता। (यो. 16:22).  अपने आनन्द को किसी को छीनने न दें। उस आनन्द की ओर देखें जो प्रभु द्वारा प्रेम किये जाने की अनुभूति द्वारा सभी को एकता में लाता है। प्रभु येसु के प्रेम की ज्वाला के इस आनन्द को प्रस्फुटित होना तथा समस्त संसार को प्रज्वलित करना आवश्यक है। यदि ऐसा है तो आप निश्चय ही समाज को बदलने में सक्षम होंगे। भविष्य से न डरें। बड़ा स्वप्न देखने का साहस करें। मैं आप सभी को निमंत्रण देना चाहता हूँ कि आप महान स्वप्न देखें।

प्रिय युवाओं, आपके पास दूसरों के दुःख को समझकर उसके परे जाने की विशेष क्षमता है। विश्व में आपके हजारों स्वयंसेवकों की जरूरत है जो अपना समय, आराम और योजनाएँ इसके लिए अर्पित कर सकें तथा सबसे कमजोर लोगों का आवश्यकताओं हेतु अपने आपको समर्पित करें। यह यह समर्पण मत्यु, पीड़ा एवं विभाजन की पृष्ठभूमि जो आपको गहराई से प्रभावित करता है उससे उत्पन्न होता है।   

कोलंबिया के अपने भाई बहनों की पीड़ा से ऊपर उठकर कार्य करें। अपने बुजुर्गों को पीड़ा और बहिष्कार के आदी न बनने दें।

युवा जो जटिल परिस्थिति में कई वास्तविकताओं के बीच जी रहे हैं और जो विभिन्न  पारिवारिक पृष्ठभूमियों से आते हैं, आप इस बात को महसूस कर चुके हैं कि सब कुछ काला और श्वेत नहीं है। आपने देखा है कि दैनिक जीवन एक व्यापक पैमाने पर भूरे तान से बना है, जो आपको सापेक्षवाद में पड़ने की जोखिम में डाल सकता है। इस प्रकार यह दूसरों की पीड़ाओं को समझने की युवाओं की क्षमता को दरकिनार कर सकता है। आप में न केवल न्याय करने, गलतियों को देख पाने की काबिलीयत है किन्तु कई अन्य सुन्दर निर्माणात्मक क्षमता भी है, यानी, समझने की क्षमता। गलतियों के पीछे भी समझ सकने की योग्यता, क्योंकि गलत तो गलत है और जिसको ढक कर रखा नहीं जा सकता और न झूठ के अनगिनत कारणों से पटा जा सकता है। कोलंबिया को आपकी बहुत आवश्यकता है कि वह आपको उन लोगों के जूतों में डाल सके जिन्होंने पहले ऐसा नहीं कर पाया एवं समझदारी के सही रास्ते तक नहीं पहुँच पाये।

युवाओं के रुप में हम एक दूसरे से अति सहजता से मिलते हैं। हम अपने रोज दिन के जीवन में कई स्थानों में एक-दूसरे से मिलते हैं जैसे की कॉपी पीने, खेल के दौरान, संगीत या कोई कला कृति को देखने इत्यादि के समय। आप हमें यह शिक्षा देते हैं कि आपसी मिलन हेतु हमें सोच-विचार करने की जरूरत नहीं होती और न ही हमारी सोच सदैव एक ही तरह के हो सकते हैं। हमारे मिलन की संस्कृति हमारी विभिन्नताओं के बावजूद हमें एकता में पिरोती है जहाँ हम अपने आप से पार जाते हैं। यह हमारे जीवन, देश की एक सुन्दर संस्कृति को दिखलाती है। आप हमें, जो उम्र में बड़े हैं मिलन की संस्कृति के बारे में बतलायें क्योंकि आप इसका अनुपालन बहुत सहज ढंग से करते हैं।

संत पापा ने युवाओं से कहा कि आप की युवावस्था में आप जीवन की एक बात को बहुत ही आसानी से करते हैं और वह है, क्षमा करना। इस बात को आप में देखना कि किस तरह आप दूसरों को क्षमा देते हैं अपने में एक अनूठी बात है। आप हमें इस बात की शिक्षा दें कि हमें कैसे दूसरों को क्षमा करते हुए जीवन में आगे बढ़ने की जरूरत है। कोलाम्बिया को आप की जरूरत है क्योंकि आप दुनिया को एक बृहद दृष्टिकोण से देखते हैं।

अपनी इस क्षमाशीलता के कारण आप दुनिया में चंगाई को लाते हैं। संत पापा ने युवाओं से अनुरोध करते हुए कहा, “आप हमारे हृदयों की चंगाई हेतु मदद करें।” आप के सपने और आप की योजना कोलंम्बिया को एक नयी जिन्दगी प्रदान करे।

संत पापा ने कहा कि एक युवा के रुप में आप अपने में ख्वाब देखें, उठें, आगे बढ़ें, जोखिम लें, जीवन को हंसमुख नजरों से देखें और अपने जीवन में भयभीत न हों। केवल ऐसा करने के द्वारा आप अपने देश की गहराई तक उतर पायेंगे, अपने देश को नये रुप में देख और खोज पायेंगे। उन्होंने कहा कि मैं इस समय को आप सभों के साथ बिताना चाहता हूँ। मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि आप में वह योग्यता है जिसके द्वारा आप अपने देश के भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। आप कोलाम्बिया और यहाँ की कलीसिया की आशा हैं। आप के कदमों में हम येसु ख्रीस्त के पदचाप को देख सकते हैं जो कि शांति के एक संदेशवाहक हैं जो हमारे लिए सुसमाचार लेकर आते हैं।

संत पापा ने युवाओं को अपने संबोधन के अंत में कहा कि आप अपने जीवन की कठिनाई से हताशा और निराश न हों। हिंसा आप को विखंडित न करे और बुराई आप पर हावी न हो। हम विश्वास करते हैं कि येसु ख्रीस्त ने अपने प्रेम और करुणा के द्वारा पाप और मृत्यु पर विजय पाई  है। उन्होंने बुराई पर विजय पाई है। हम बाहर निकल कर उनसे मुलाकात करने की जरूरत है। मैं आप से आग्रह करता हूँ कि आप आलोचना करने के बदले अपने आप में समर्पित हों। आप अपने इस समर्पण के द्वारा समाज में जीवन व्यतीत करें और यह फलदायक होगा। मैं आप सभों को येसु के हाथों में सुपूर्द करता हूँ जो हमें जीवन में मेल मिलाप और शांति स्थापित करने हेतु प्रेरित करते हैं। उन्होंने सभों को अपने प्रेम का आश्वासन देते हुए कहा कि आप में से प्रत्येक जन मेरे हृदय में निवास करते हैं आप सभों को मेरा स्नेह सदैव मिलता रहे। 








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