2017-09-04 15:02:00

कोरिया के धार्मिक नेताओं को संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार, 4 सितम्बर 2017 (वीआर अंग्रेजी): संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 2 सितम्बर को, कोरिया के धार्मिक नेताओं की समिति के सदस्यों से मुलाकात की तथा शांति एवं आशा के भविष्य की ओर अंतरधार्मिक वार्ता के महत्व पर जोर दिया।

कोरियाई धार्मिक नेताओं को दिये अपने संदेश में संत पापा ने अंतरधार्मिक वार्ता के महत्व पर जोर देते हुए इस रास्ते पर आने वाली चुनौतियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ″धर्मों के बीच वार्ता हेतु सम्पर्क, मुलाकात और सहयोग की आवश्यकता है जो निश्चय ही चुनौतीपूर्ण है किन्तु सार्वजनिक हित एवं शांति की ओर ले चलता है।″  

उन्होंने कहा कि यदि इस तरह की वार्ता को फलप्रद होना हो तो इसे खुला एवं सम्मानजनक होना चाहिए।

संत पापा ने धार्मिक नेताओं से कहा कि विश्व हमारी ओर दृष्टि लगाये हुए है और यह हमें एक साथ तथा भली इच्छा रखने वाले सभी भाई-बहनों के साथ मिलकर काम करने की मांग कर रही है। दुनिया कई मामलों में हमसे उत्तर एवं साझा समर्पण की उम्मीद कर रही है, उदाहरण के लिए  मानव व्यक्ति की पवित्र गरिमा, भूख एवं गरीबी जो अब भी बहुत अधिक लोगों को प्रभावित की हुई है, अतः हमें हिंसा का बहिष्कार करना तथा आशा के संकट को भी अनदेखा नहीं चाहिए।   

संत पापा ने कहा, ″हमें आगे बहुत दूर चलना है ताकि हम नम्रता एवं धैर्य के साथ न केवल अपनी आवाज ऊंची करें बल्कि आशा के भविष्य को बोने के लिए अपनी आस्तीन को भी मोड़ लें, जिसमें मानवता अधिक मानवीय बने, एक ऐसा भविष्य हो जो उन लोगों की पुकार सुन से, जो युद्ध का बहिष्कार करते हैं तथा व्यक्तियों और समुदायों के बीच, लोगों और राष्ट्रों के बीच महान सद्भाव की याचना करते हैं।″

उन्होंने धार्मिक नेताओं की भूमिका की याद दिलाते हुए कहा कि इस प्रकार धार्मिक नेता सभी लोगों के कल्याण एवं उनके बीच आपसी मेल-मिलाप हेतु पहल करने, उसे प्रोत्साहन देने एवं इस प्रक्रिया में उनका साथ देने के लिए बुलाये गये हैं। हम शांति और अहिंसा की घोषणा करने एवं उसे प्रकट करने के लिए एक संदेशवाहक के रूप में निमंत्रित किये जा हैं।   

संत पापा ने कामना की कि उनकी यह मुलाकात शांति के पथ पर आगे बढ़ने हेतु उन्हें शक्ति प्रदान करे।   








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