2017-08-18 16:41:00

काथलिक लोकोपकारी कार्यकर्ता के प्रशंसनीय कार्य


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 18 अगस्त 2017 (वीआर) दक्षिणी सूडान में आकाल, खाद सामग्री और भुखमरी की स्थिति विकट बनी हुई है उक्त बातें काथलिक लोकोपकारी कार्य में संलग्न माइकल ओ रियर्डन ने कही।

काथलिक सहायता समितियाँ  कोफोड (सीएएफओडी) और ट्रोकैयर के साथ लोकोपकारी कार्य में संलग्न रियर्डन ने 19 अगस्त को मनाये जाने वाले विश्व लोकोपकारी दिवस के संदर्भ में सूडान की वर्तमान स्थिति की ओर विश्व का ध्यान आकृष्ट करते हुए वाकिटन रेडियो की सुसी होजेस से अपने विचारों को साझा करने के क्रम में कहा कि हमने जिन किन्हीं स्थानों का दौरा किया हमें लोग “कुपोषण के शिकार, दुबले-पतले और एकदम कमजोर” नजर आये। उन्होंने कहा कि बच्चों में कुपोषण और स्वास्थ्य की स्थिति एकदम दयनीय बनी हुई है।

मानव लोकोपकारी अधिकारी रियर्डन ने बतलाया कि सूडान के लोग सहायता समितियों द्वारा वितरित  किये जा रहे भोजन सामग्रियों से अपने जीवन को संचालित करने हेतु बाध्य हैं इसके अलावे प्रान्त में हैज़ा के प्रकोप ने लोगों के जीवन को और भी दूभर कर दिया है।

उन्होंने समस्या के दूसरे पहलू के बारे में कहा कि यह पीडित लोगों के प्रति हमारी उदासीनता है जहाँ हम धनी देश, ग़रीबों की सहायता हेतु पहले की तरह उदार नहीं रह गये हैं।

अपने कार्यों की फलप्रदता के बारे में उन्होंने कहा कि वे जिन लोगों के मध्य कार्य करते हैं उनके हृदय में कृतज्ञता के भाव देखे जा सकते हैं। उन्होंने लोकोपकारी कार्य के संदर्भ में कहा कि यह अभावग्रस्त लोगों को केवल भोजन और सहायता सामग्री देना नहीं है वरन इससे भी महत्वपूर्ण बात हमारे लिए यह है कि हम उनके जीवन में “आशा के दीप” जलाये रखें क्योंकि जनसामान्य लोग ऐसी स्थिति में हैं जहाँ उन्हें यह अनुभव होता है कि वे समाज के द्वारा भूला दिये या त्याग दिये गये हैं। 








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