2017-08-17 16:42:00

धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने हेतु राज्यपाल से कांग्रेस की अपील


राँची, बृहस्पतिवार, 17 अगस्त 17 (ऊकान): झारखंड कांग्रेस ने बुधवार को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से अपील की कि वह धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक और भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 में संशोधन के लिए अपनी सहमति न दे।

झारखंड के कॉग्रेस महासचिव किशोर सहदेव ने पत्रकारों को जानकारी दी कि "पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2017 और भू-अधिग्रहण अधिनियम 2017 में संशोधन के लिए अनुमोदित न करने का अनुरोध किया।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पार्टी अध्यक्ष सुखदेव भगत तथा कांग्रेस पार्टी के विधानमंडल विंग आलमगिरी आलम ने की।

12 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान झारखंड विधानसभा द्वारा दोनों विधेयक पारित किए गए थे।

भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के संशोधन में, कांग्रेस ने राज्य सरकार से महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक परियोजनाओं के लिए सामाजिक प्रभाव के आकलन से मुक्त करने की अपील की है।

ऐसी परियोजनाओं की पहचान स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, अस्पतालों, पंचायत भवनों, आंगनवाड़ी केंद्रों, जलमार्ग, विद्युतीकरण और सिंचाई परियोजनाओं और पेयजल पाइपलाइन के रूप में की जाती है।

पार्टी ने कहा, "सामाजिक प्रभाव का आकलन करने से, राज्य सरकार उन लोगों के साथ ग़रीबों के अधिकारों को दूर करने की कोशिश कर रही है, जो भूमि पर काम करते हैं और जो अपनी आजीविका के लिए कृषि कार्यों पर निर्भर रहते हैं।″

राज्यपाल को कांग्रेस द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि धार्मिक स्वतंत्रता पर कानून लोगों के लिए भारत के संविधान द्वारा प्रदान किए गए मौलिक अधिकारों पर हमला है।

विधेयक में, लालच देकर या मजबूरन रूपांतरण करने वाले को, झारखंड सरकार ने तीन से चार वर्ष के जेल की सज़ा और 50,000  अथवा एक लाख रुपये का प्रावधान किया है।








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