2017-08-16 14:31:00

पूरे दक्षिण एशिया में भारी वर्षा और बाढ़ की तबाही


वाटिकन सिटी, बुधवार, 16 अगस्त 2017 (रेई): नेपाल, बंगलादेश एवं भारत के उत्तरपूर्वी हिस्से में भारी वर्षा के कारण बाढ़ से विगत सप्ताह करीब 160 लोगों की मृत्यु हो गयी है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार राहत कार्य तेजी से की जा रही हैं।

केवल नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या 115 है जबकि 38 लोग लापता हैं। राहत कार्यकर्ताओं ने बताया कि नेपाल के 75 जिलों में से 26 या तो जलमग्न हैं या भूस्खलन से प्रभावित।

बाढ़ और भूस्खलन ने नेपाल की ऊर्जा बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है, देश के लगभग आधे हिस्से में बिजली ठप है जो 10 वर्षों में नेपाल को प्रभावित करने वाली सबसे बुरी आपदा सिद्ध हुई है।

अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तरी बंगलादेश में बाढ़ के कारण कम से कम 27 लोगों की मौत हुई है तथा करीब 5 लाख लोग अपने घरों से निकल कर शिविरों में रह रहे हैं। स्थिति में गंभीरता इसलिए भी बढ़ गयी है क्योंकि पड़ोसी देश भारत में भी भारी वर्षा हुई है।

भारत में भी बाढ़ से कई लोगों की मृत्यु हुई है तथा उतराखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार तथा अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों में हज़ारों लोगों को घर छोड़कर अन्यत्र शरण लेना पड़ा है।

बिहार में कुल 40 लोगों की मौत हुई है तथा 6.5 मिलियन लोग इसे प्रभावित हैं। सरकार बाढ़ पीड़ितों को राहत कर्मियों की सहायता से आवश्यक सहायता प्रदान करने की कोशिश कर रही है।

उतराखंड में भूस्खलन तथा भारी वर्षा के कारण 28 लोग मारे गये हैं हिन्दूस्तान टाईम्स की रिपोर्ट अनुसार मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावात ने मंगलवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।

असम में स्थिति सबसे अधिक खराब है जहाँ 25 जिलों के लगभग 32 लाख लोग प्रभावित हैं। वहाँ 3 लोगों के खो जाने की खबर है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के मुताबिक, इस साल की बाढ़ से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या 102 तक पहुँच गयी है।

पी टी आई अधिकारियों ने कहा कि देश के पूर्वी क्षेत्र में ट्रेन सेवा पूरी तरह बाधित है विभिन्न हिस्सों से उत्तर पूर्वी क्षेत्र की ओर आने वाली ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।

भारत के मौसम विभाग ने बुधवार को भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।

पीटीआई ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार और असम के मुख्यमंत्रियों से बात की और बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए केंद्र सरकार के हरसम्भव समर्थन का आश्वासन दिया है।








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