2017-07-26 16:02:00

वाटिकन : प्रवासन विकास और भाईचारे का एक अवसर


वाटिकन सिटी, बुधवार 26 जुलाई 2017 (वा. रेडियो) : ″मेजबान देशों में प्रवासियों और शरणार्थियों के समन्वय को नई समझ, व्यापक दृष्टिकोण और सभी के लिए अधिकाधिक विकास का अवसर बनना चाहिए।″ उक्त बातें संपूर्ण मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठ से संलग्न प्रवासी और शरणार्थी विभाग के उपाध्यक्ष फादर माइकल सिर्ने ने सोमवार 24 जुलाई को न्यूयार्क में एक अनौपचारिक विषयगत सत्र के दौरान संयुक्त राष्ट्र में वास्तविक निवेश और सिफारिशों को इकट्ठा करने के लिए प्रवासियों पर वैश्विक संगठन से कही।

 उन्होंने कहा कि संत पापा फ्राँसिस ने एक संस्कृति को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें प्रवास के परिणामों और प्रभाव "लोगों के बीच शांति और भाईचारे को बढ़ावा देने के मद्देनजर मानव विकास और वार्ता" का अवसर बने।

उन्होंने कहा कि विकास या शांति की कमी के कारण किसी को भी अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर नहीं होना चाहिए पर यह बहुत ही दुख की बात है कि लाखों लोग आज के दौर में गरीबी, भूख, हिंसा,बेरोजगारी, पर्यावर्णीय क्षरण, कमजोर और भ्रष्ट संस्थाओं की वजह से बाहर जाने के लिए मजबूर होते हैं। मेजबान देश उनके और उनके परिवार के लिए सुरक्षा और हर तरह से लाभकारी बने और आशा है कि एक दिन शायद उनके मूल देश उन्हें फिर से उरका स्वागत कर सकें, उन्हें सुरक्षा प्रदान कर सकें और उन्हें अपने देश में काम के अवसर मिल सके।

उन्होंने कहा कि प्रवासियों और शरणार्थियों को आपातकालीन देखभाल की वस्तुओं के साथ-साथ अपने स्वयं के विकास के सम्मानित विषयों पर भी मदद मिलनी चाहिए और उन्हें अपनी शिक्षा, कौशल, महत्वाकांक्षा, अनुभव और सांस्कृतिक ज्ञान का उपयोग करने की अनुमति मिले, साथ ही उन लोगों को आगे के स्कूलीकरण और प्रशिक्षण के माध्यम से समाज के विकास को बढ़ाया जा सकता है।

अतः प्रवासियों के साथ सबसे पहले मनुष्यों के रूप में बर्ताव किया जाना चाहिए, उनके अधिकारों के लिए गरिमा और सम्मान मिले और उन्हें सभी प्रकार के सामाजिक, आर्थिक और कानूनी शोषणों से स्थायी रूप से निजात मिले।








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