2017-07-04 16:27:00

सीबीसीआई द्वारा भारत की काथलिक कलीसिया के लिए दलित नीति


बेंगलूरू, मंगलवार, 4 जुलाई 2017 (रेई): भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीआई) ने दक्षिणी भारत में दलितों के अधिकारों की रक्षा हेतु काम करने वाले सभी पुरोहितों को एक साथ लाने का प्रयास किया है ताकि सीबीसीआई द्वारा जारी दलित नीति के प्रसार और उसके कार्यान्वयन हेतु तरीके तलाशे जा सकें। 

आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, केरल, पोंडिचेरी, तमिलनाडु तथा तेलांगना के प्रतिनिधियों ने 2 जुलाई को बैंगलोर के भारतीय समाज सेवा संस्थान में आयोजित एक कार्यशाला में भाग लिया।

भारत की काथलिक कलीसिया के लिए सीबीसीआई ने एक दलित नीति प्रकाशित की है जिसका उद्देश्य है कि एक साल में पूरे भारत के धर्मप्रांतों में एक कार्य योजना तैयार किया जाए।

दलित नीति को प्रकाशित करते हुए अधिकारियों ने कहा कि हरेक प्रांत, पल्लियों एवं धर्मप्रांतों के साथ विचार-विमार्श के बाद दिसम्बर 2017 तक एक कार्य योजना के साथ, नीति में व्यक्त सिद्धांतों पर काथलिक दलितों की मदद हेतु वह आगे आयेगा।

इस बात पर भी विचार किया गया कि इस काम को आगे बढ़ाने हेतु लोगों को प्रशिक्षण दिये जायेंगे ताकि वे विभिन्न क्षेत्रों में जाकर पुरोहितों एवं लोकधर्मियों को इस नीति के कार्यान्वयन, इसके महत्व तथा इसे किस तरह लागू करना होगा उसकी जानकारी देंगे।

कार्यशाला में क्षेत्रीय एवं धर्मप्रांतीय एस.सी/ एस.टी/ बी.सी आयोग के सचिव तथा सदस्यों ने भाग लिया।

सीबीसीआई के एस.सी एवं बी.सी विभाग के सचिव फादर कोसमोस अरोक्य राज ने चेतावनी दी कि कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा करते हुए कार्य योजना बनाते समय धर्मप्रांतों एवं क्षेत्रों को टुकड़ों में विभक्त नहीं होना चाहिए। 








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