2017-07-01 16:09:00

संत पापा द्वारा प्राप्त अनुदान के प्रति सूडान के लोगों की कृतज्ञता


दक्षिणी सुडान, शनिवार, 1 जुलाई 2017 (रेई): संत पापा फ्राँसिस द्वारा दक्षिणी सूडान को दी गयी मदद के प्रति सूडान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने कृतज्ञता व्यक्त की है।

सूडान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष, धर्माध्यक्ष एडवर्ड हिबोरो कुसाला ने कहा, ″मेरी तथा सूडान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की ओर से मैं संत पापा फ्राँसिस को दक्षिणी सूडान की मदद करने हेतु कृतज्ञता व्यक्त करता तथा उनकी प्रशंसा करना चाहता हूँ।″  

21 जून को समग्र मानवीय विकास हेतु बनी परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल पीटर टर्कसन ने घोषित किया था कि ″चूँकि संत पापा दक्षिणी सूडान की प्रेरितिक यात्रा नहीं कर पा रहे हैं वे ″दक्षिणी सूडान के लिए संत पापा″ की पहल द्वारा पीड़ित लोगों के लिए कलीसिया की ठोस उपस्थिति को व्यक्त करना चाहते हैं। यह एक ऐसी पहल है जो उस क्षेत्र स्थित विभिन्न धर्मसमाजियों एवं अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों के कार्यों को प्रोत्साहन एवं समर्थन देती है जो शांति एवं विकास को बढ़ावा देने एवं लोगों की मदद करने में अथक परिश्रम कर रहे हैं। 

सूडान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष ने फिदेस को लिखे पत्र में कहा, ″संत पापा व्यक्तिगत रूप से दक्षिणी सूडान आने में असमर्थ हैं किन्तु उनकी एकात्मता एवं देश के प्रति प्रतिबद्धता को, उनके समर्थन एवं अनुदान के द्वारा अनुभव किया जा सकता है। 

उन्होंने कहा कि उनके योगदान द्वारा विस्थापितों एवं शरणार्थियों के लिए खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने एवं बृहद स्तर पर शांति निर्माण करने तथा हाशिये पर जीवन यापन करने वाले लोगों की प्रतिष्ठा को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, ताकि सतत् विकास को प्रोत्साहित एवं शांति को स्थापित की जा सके।

धर्माध्यक्ष कुसाला ने याद किया कि दक्षिणी सूडान ने स्वतंत्रता के बाद से कई चुनौतियों का सामना किया है। कई लोगों ने अपना जीवन गवाँ दिया है। कई लोग विस्थापित हो गये हैं, कितने लोग पड़ोसी देशों में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं तथा राजनीतिक अस्थिरता ने देश के विकास को रोक दिया है। कलीसिया जीवन की पवित्रता एवं मानव व्यक्ति की प्रतिष्ठा की घोषणा नैतिकता के आधार एवं समाज के एक दर्शन के रूप में करती है।  

उन्होंने कहा कि सूडान के काथलिक धर्माध्यक्ष के रूप में वे मानव जीवन के मूल्य को सार्वजनिक भलाई के सिद्धांत के रूप में बढ़ावा देते तथा विभिन्न आपदाओं (हिंसा, अकाल, सूखा, संसाधनों का असमान वितरण, राजनीतिक अस्थिरता, असुरक्षा...) द्वारा उत्पन्न मानव पीड़ा को दूर करना चाहते हैं।

धर्माध्यक्ष ने दक्षिणी सूडान के प्रति संत पापा के विशेष ध्यान के लिए उन्हें धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी सहायता हेतु 5,00,000 डॉलर प्रदान किये हैं तथा प्रार्थनाओं द्वारा अपने सामीप्य का आश्वासन दिया है। उनकी आशा है कि इस अफ्रीकी देश में संत पापा की यात्रा जल्द ही आयोजित की जा सकेगी।








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