2017-06-30 15:58:00

अरुणाचल प्रदेश को प्रथम संतों की आशा


वाटिकन रेडियो, 30 जून 2017 ( फीदेस) भारत का उत्तरी-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश अपने प्रथम शहीदों की संत घोषणा के आशे में है।

धन्य घोषणा और संत प्रकरण की विधि यदि विधिवत उचित रुप से निर्देशित की जाती है तो दो फ्राँसीसी पुरोहितों निकोलस-माइकल क्रिक और अगुस्टिन-एटीन बोरी अरुणाचल प्रदेश के प्रथम शहीद घोषित किये जायेंगे। इन दोनों पुरोहितों को धन्य घोषणा के प्रकरण में संलग्न सलेशियन धर्माध्यक्ष जॉर्ज पल्लीपरमम्बिल, अरुणाचल प्रदेश के धर्माध्यक्ष ने कहा कि पुरोहित क्रिक और एटीन बोरी, पेरिस विदेशी मिशन धर्मसमाज के उत्साही पुरोहित थे जिन्होंने एशिया में सुसमाचार प्रचार हेतु अपने प्राणों की आहूति दी। उनका मुख्य कार्य क्षेत्र तिब्बत था। यह उनकी प्रेरिताई का प्रतिफल है कि आज अरुणाचल प्रदेश के लोग ख्रीस्तीयता की ज्योति से जगमगा रहें हैं।

अरुणाचल प्रदेश पश्चिम में भूटान, उत्तर में म्यांमार और उत्तर में चीन की सीमा रेखा से सटा हुआ है। दोनों शहीद पुरोहित उत्तरी-पूर्वी प्रान्तों में अपने प्रेरिताई कार्य हेतु आया-जाया करते थे जो उस समय ब्रिटिश इंडिया का अंग था। अपने प्रेरिताई कार्य के क्रम में उन्हें मिशामी लोगों के मुखिया द्वारा 2 अगस्त सन् 1854 को लोहित जिले के सोमे गाँव में शहादत का शिकार होना पड़ा। उस समय पुरोहित क्रिक की उम्र 35 वर्ष थी जबकि एटीन बोरी मात्र 28 साल के थे। इनकी शहादत के करीब 160 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन उनके मृत शरीर के अवशेष अब भी गाँव में सुरक्षित रखे गये हैं। 

मियाओ धर्माप्रान्त के संचार सचिव, पुरोहित फेलिक्स अंतोनी ने वाटिकन रेडियो से अपनी वार्ता के दौरान कहा कि कैसे दोनों शहीदों ने 160 साल पहले चेन्नई से कोलकाता और फिर गुवाहाटी और तदोउपरान्त अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की और ख्रीस्त की ज्योति को स्थानी लोगों के बीच प्रज्वलित किया।भारत का उत्तरी-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश अपने प्रथम शहीदों की संत घोषणा के आशे में है








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