2017-06-23 16:15:00

“द रेक्वियम” ग्रेगोरियन संगीत की धूम


वाटिकन रेडियो, शुक्रवार, 23 जून 2017 (वीआर) संत पेत्रुस के भ्रातृत्व धर्मसमाज के पुरोहितों (एफएसएसपी) की एक नई प्रस्तुति “द रेक्वियम” ग्रेगोरियन गीत और संगीत का एक संग्रह पिछले चार सप्ताहों में व्यवसाय की दृष्टि कोण से सबसे ऊपर है।

संत पेत्रुस के भ्रातृत्व धर्मसमाज के एक पुरोहित, ज़ैकरी एकर्स ने वाटिकन रेडियो से कहा, “मैं सोचता हूँ कि लोग चाहे काथलिक कलीसिया या अन्य संप्रदाय के क्यों न हों वे इसकी मधुरता के कारण आकर्षित हैं। उन्होंने कहा कि लोग प्रचीन धर्मविधि में गाये जाने वाले इस संगीत पर मोहित हैं जो उन्हें ईश्वरीय मिलन की एक अनुभूति प्रदान करता है, जो कि कलीसिया की एक अनमोल धरोहर है। मुझे अत्यन्त खुशी है कि सभी तरह के लोगों ने इसे बृहद् रुप में पसंद किया है।”  

उन्होंने युवाओं के बीच ग्रेगोरियन संगीत के रुझान के बारे में कहा, “ मैं सोचता हूँ कि युवा अपने से बड़े और प्रचीन कुछ चीजों को पसंद करते हैं। हम विद्यालयों और महाविद्यालयों में इस बात की झलक पाते हैं। वे भ्रातृत्व का एक अंग होने की चाह रखते हैं जिसका अंग एक समय उनके पिता या दादा जी हुआ करते थे। हम उनके बीच धर्मविधि के प्रति एक भूख को पाते हैं जो उन्हें कुछ प्रचीन पवित्र और महत्वपूर्ण बातों की ओर खींच लाती है जिसका अंग कभी उनके माता-पिता और दादे परदादे हुआ करते थे।”

ग्रेरेगोरियन संगीत की तुलना अन्य चर्चित संगीतों से करते हुए उऩ्होंने कहा, “हम इस समय संगीत को सुन्दर रूप में प्रस्तुत कर रहें हैं जो कि न केवल संगीत वरन प्रार्थना का अंग है। यह दुनिया के अंधेरे में एक मोमबत्ती जलाने के समान है जिसके द्वारा हम कलीसिया की सुन्दरता को जो हमें मिली है अन्यों के साथ साझा करते हैं।”  

उन्होंने आगे जोर देते हुए कहा, “युवाओं में सत्य को पाने की एक तमन्ना है अतः यह हमारे लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं कि हम उस संस्कृति के अंग हैं जहाँ लोग जीवन की गहराई में जाने की चाह रखते हैं, और इसके लिए वे ईश्वर की ओर अभिमुख होते हैं। हम आशा करते हैं कि इस एल्बम का कुछ भाग धर्मविधि में संगीत की पवित्रता को कायम करने में मददगार सिद्ध होगा।”  

विदित हो भ्रातृत्व समाज प्रेरितिक जीवन हेतु समर्पित एक धर्म संघ है जो ऱोमन रीति के अनुसार पुरोहितों के प्रशिक्षण और समर्पित जीवन हेतु पुरोहिताई के उम्मीदवारों की निष्ठा पूर्ण देख-रेख करता है जिससे वे अपने को कलीसिया की सेवा हेतु तैयार कर सकें। 








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