2017-06-22 16:54:00

पाने की आशा किये बिना दूसरों की चिंता करना


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 22 जून 2017 (रेई): एक चरवाहे को उत्साही होना एवं उसे आत्म परीक्षण तथा बुराई की परख करने जानना चाहिए। यह बात संत पापा फ्राँसिस ने 22 जून को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

प्रवचन में उन्होंने संत पौलुस एवं डॉन मिलानी के आदर्शों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बारबियाना के पल्ली पुरोहित की तरह पड़ोसियों की देखभाल करनी चाहिए।  

संत पापा ने कहा, ″भला चरवाहा अपनी भेड़ों के लिए अपना जीवन अर्पित कर देता है।″

प्रवचन में संत पापा ने कोरिंथियों को लिखे संत पौलुस के पत्र से लिए गये पाठ पर चिंतन किया। जहाँ उन्होंने संत पौलुस को एक भले चरवाहे के रूप में प्रस्तुत किया जो अपनी भेड़ों को मजदूर के समान नहीं छोड़ देता है। अतः उन्होंने उत्साह को एक भले चरवाहे के पहले गुण के रूप में प्रस्तुत किया। ″ऐसा उत्साह जो व्यक्ति को अपने लोगों के लिए मूर्ख एवं पागल के समान बना देता है।″ जिसे हम प्रेरितिक उत्साह कहते हैं इसके अभाव में वह एक सच्चा चरवाहा नहीं बन सकता।

चरवाहे की दूसरी विशेषता है ‘परख करने की क्षमता।’ वह जीवन में प्रलोभन को पहचानता है। झूठ का पिता लालची है किन्तु एक चरवाहा प्रेम करता है। शैतान जो झूठ का पिता है ईर्ष्या के लिए प्रलोभन देता है। वह निष्ठा से पीछे हट जाता है किन्तु संत पौलुस का उत्साह सभी लोगों को ख्रीस्त के पास एक साथ लाना था, अपने दुल्हे ख्रीस्त के साथ वफादार बने रहना। मुक्ति इतिहास में कई बार लोग ईश्वर से अलग हो गये, ईश्वर के प्रति विश्वस्त नहीं रह सके, उन्होंने मूर्ति पूजा की।

संत पापा ने कहा कि एक अच्छा चरवाहा हमेशा भेड़ों का साथ देता है खुशी के क्षण में तथा दुःख  घड़ी में भी उस समय भी जब वे लालच में पड़ जाते हैं। वह लालच का परित्याग कर सकता है।

संत पापा ने डॉ मिलानी का उदाहरण देते हुए कहा, ″भला चरवाहा पर आरोप लगाया जा सकता है।″ संत पापा ने बोजोलो एवं बारबियानी का दौरा करते हुए डॉन मिलानी एवं डॉन प्रीमो को चरवाहा कहकर सम्बोधित किया था।

संत पापा ने बतलाया कि वे अपने जीवन एवं अन्य चीजों की देखभाल करने की सलाह दिया करते थे। 

उन चीजों का परित्याग किस तरह किया जाए जो हमारे जीवन के लिए हानिकारक हैं संत पापा ने कहा, ″जो हमारे जीवन के विरूद्ध होता है उसको दूर करने की क्षमता को कई बार हम खो देते हैं तथा भेड़ों को उसी स्थिति में आगे ले जाना चाहते हैं जो न केवल निष्कपटता है किन्तु उन्हें चोट पहुँचाती है। यह समझौता या तो लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए होता है अथवा विश्वासियों का स्नेह जीतने के लिए। 








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