2017-06-21 15:31:00

वेनेजुएला में संकट, एक ही तरीका, एक गंभीर और निष्कपट वार्ता : परमधर्मपीठ


कैनकन, बुधवार 21 जून 2017 (रेई) : परमधर्मपीठ ने वेनेजुएला में संकट की स्थिति को देखते हुए तथा सभी के कल्यान और एक शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक समाधान के लिए पार्टियों के बीच एक गंभीर और निष्कपट वार्ता को ही एक मात्र तरीका बताया है।

संयुक्त राष्ट्र संध में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष बेर्नादीतो आउजा ने कैनकन (मेक्सिको) में 19 से 21 जून तक आयोजित अमेरिकी राज्यों के संगठन की महासभा को संबोधित किया। महाधर्माध्यक्ष बेर्नादीतो आउजा ने कहा कि वेनेजुएला में संकट के शुरु होते ही संत पापा फ्राँसिस, वाटिकन राज्य सचिव और वेनेजुएला का धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने अनेक अवसरों पर संस्थाओं और राजनीतिक दलों से अपने विचारधाराओं से उपर उठकर, सबकी भलाई की रक्षा के लिए लोगों की मांगों को सुनने का आग्रह किया था। परमधर्मपीठ ने सभी राजनीतिक नेताओं से आग्रह किया कि वे हिंसा समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हों तथा सत्य और न्याय के प्रति सम्मान सुनिश्चित करें।

गंभीर वार्ता के लिए शर्तें

महाधर्माध्यक्ष बेर्नादीतो ने वाटिकन राज्य के सचिव कार्डिनल पियेत्रो परोलिन द्वारा एक शांतिपूर्ण समाधान हेतु 1 दिसंबर 2016 के पत्र में उल्लिखित दिशा निर्देशों को याद दिलाते हुए कहा कि कार्डिनल परोलिन ने बातचीत के माध्यम से समाधान के रास्ते ढूँढ़ने तथा स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव को बढावा दिया था। उन्होंने मानवीय सहायता, भोजन और दवा उपलब्ध कराने आग्रह किया था। सन् 2016 के पत्र में कार्डिनल परोलीन ने राजनैतिक कैदियों की रिहाई का भी आग्रह किया था।

वार्ता को अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा समर्थन मिले।

इस संकट में हिंसा ने वेनेजुएला की कलीसिया को बुरी तरह से प्रभावित किया है। कलीसिया अनेक कठिनाईयों का सामना कर रही है। महाधर्माध्यक्ष बेर्नादीतो ने कहा कि देश की समस्याओं को हल करने के बजाय हाल ही में सरकार ने संवैधानिक सभा बुलाने का निर्णय लिया है जो देश के लोकतांत्रिक भविष्य को कमजोर तथा परिस्थिति को और भी जटिल बना सकती है। अपने संबोधन के अंत में महाधर्माध्यक्ष बेर्नादीतो ने कहा कि इन महाद्वीपों या देशों का कोई भी दल, चाहे वह सरकार की ओर से हो या विपक्ष की ओर से समस्याओं के समाधान हेतु वार्ता का जिम्मा ले।








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