2017-05-10 15:53:00

अरुणाचल की महिलाओं द्वारा शांति के लिए प्रार्थना


कानुबारी, बुधवार, 10 मई 2017 (वीआर सेदोक) : अरुणाचल प्रदेश के आठ जिलों से लगभग 450 काथलिक महिलाओं ने तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान शांति हेतु प्रार्थना करने के लिए 6 मई को मोमबत्ती जागरण प्रार्थना रैली में भाग लिया। 5 मई को केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग के तिरपा, लॉन्गिंग और चांगलांग जिले को अशांत क्षेत्र घोषित किया। इसी के उत्तर में शांति प्रार्थना रैली का आयोजन किया गया था।

मिआओ धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष जॉर्ज पालीपाराम्बिल एसडीबी सम्मेलन में उपस्थित थे। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश, भारत और विश्व में शांति के लिए मोमबत्ती जागरण प्रार्थना रैली को प्रोत्साहित किया। धर्माध्यक्ष जॉर्ज ने कहा, ″शांति की शुरुआत घर में होती है। हम एक रात में दुनिया को बदल नहीं सकते पर हमारा प्रतिदिन का निष्ठापूर्वक किया गया प्रयास समाज और विश्व में अंतर जरुर लाएगा।″

उन्होंने कहा कि पुर्तगाल स्थित फातिमा में सौ वर्ष पहले इसी मई महिने में माता मरियम ने तीन चरवाहें बच्चों को दर्शन दिया था। माता मरिया जो हमेशा हमारे लिए प्रार्थना करती हैं, हम उनकी मध्यस्ता से हमारे परिवार, समाज, हमारे जिले, देश और पूरे विश्व में शांति के लिए प्रार्थना करें।

सेमिनार के दौरान धर्माध्यक्ष जॉर्ज ने प्रतिनिधियों को इन तीनों 'अशांत' जिलों में ड्रग और शराब के खतरों को रोकने में महिलाओं को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा,"शराब के बिना हमारे सामाजिक समारोहों की पहल शराब-मुक्त शांतिपूर्ण समाज बनाने की दिशा में एक बढ़िया कदम होगा।″  

मिआओ धर्मप्रांत महिला सम्मेलन की अध्यक्ष श्रीमती चांगन तेंगखत और सचिव श्रीमती नागपाइ जामख़म ने धार्मिक सभा में सामाजिक प्रासंगिकता देने के लिए मोमबत्ती जागरण रैली का आयोजन किया। श्रीमती टिंगाखत्रा ने कहा, "शांति समय की मांग है और पहले से कहीं ज़्यादा आज शांति की ज़रूरत है। हम आशा करते हैं कि हमारी प्रार्थनाएं फलप्रद होंगी तथा अरुणाचल प्रदेश के तिरुप, चंगलांग और लांगडींग जिलों में शांति के परिणाम देखने को मिलेंगे।"

प्रार्थना रैली कानुबारी के संत जॉन गिरजाघर से शुरू हुई और लोगों के साथ मिलकर कानुबारी टाउन के चारों ओर घूमते हुए रोजरी प्रार्थना की गई। लोगों की उम्मीद है कि इस तरह की प्रार्थना और जागरूकता अभियान द्वारा अरुणाचल प्रदेश के "अशांत" जिलों में शांति बहाल की जा सकेगी।








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