2017-05-02 16:49:00

प्रभु कठोर हृदय को बदल सकते हैं


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 2 मई 2017 (वीआर सेदोक): प्रभु कठोर हृदय पर हस्तक्षेप करते हैं, वे उन सभी चीजों की आलोचना करते हैं जो संहिता के बाहर है। यह बात संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

मंगलवार को उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि उन लोगों को मालूम नहीं है कि ईश्वर अपनी कोमलता में हृदय की कठोरता को दूर कर सकते हैं तथा उसके स्थान पर मांस भर सकते हैं।   

संत स्तेफन ने येसु के समान आज्ञापालन का साक्ष्य दिया जिसके कारण उन्हें अत्याचार का सामना करना पड़ा।

संत पापा ने प्रवचन में प्रेरित चरित से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ संत स्तेफन के शहादत की घटना का जिक्र किया गया है तथा कहा कि ख्रीस्तीयता आज्ञापालन का साक्ष्य है। जिन लोगों ने स्तेफन पर पत्थरवाह किया वे ईशवचन को नहीं समझते थे। स्तेफन ने उन्हें हठधर्मी कहा क्योंकि वे सुनना और समझना नहीं चाहते थे तथा उन्हें हृदय के खतना से रहित बताया। संत पापा ने कहा कि खतना रहित होने का अर्थ है गैरयहूदी होना।

संत पापा ने ईश वचन को नहीं समझ पाने के विभिन्न रास्तों पर गौर करते हुए कहा कि एमाऊस के रास्ते पर येसु के चेले उनके वचनों को नहीं समझ पाने के कारण येरूसालेम से जा रहे थे। वे डरे हुए थे क्योंकि वे समस्याओं से दूर भागना चाहते थे। वे यद्यपि भयभीत थे तथापि दिल से अच्छे एवं सच्चाई के लिए खुले थे। जब येसु ने उनके साथ पुनः मुलाकात की, उनका वचन उनके हृदयों में प्रवेश किया तथा उनका हृदय उद्दीप्त हुआ जबकि स्तेफन को मार डाला गया। स्तेफन को मारने वाले सुनना नहीं चाहते थे। उनका हृदय बंद था अर्थात कठोर हो चुका था।

संत पापा ने कहा कि कठोर हृदय वालों के द्वारा कलीसिया को बहुत अधिक कष्ट होता है। बंद एवं कठोर हृदय, हृदय जो खुलना नहीं चाहते, सुनना पसंद नहीं करते, हृदय जो मात्र दण्ड देना जानते हैं वे स्पष्टीकरण का इंतजार नहीं करते किन्तु पूरी तरह बंद हो चुके हैं मानो कि वे सब कुछ जानते हों और उन्हें किसी बात के विश्लेषण की कोई आवश्यकता नहीं है।

ऐसे लोगों को सम्बोधित कर येसु भी कहते हैं कि उन्होंने नबियों की हत्या की क्योंकि उन्होंने उन चीजों को प्रकट किया जिन्हें वे पसंद नहीं करते थे। बंद हृदय पवित्र आत्मा द्वारा संचालित नहीं होते।

संत पापा ने कहा, ″उनके हृदय में पवित्र आत्मा के लिए कोई जगह नहीं थी जबकि आज का पाठ हमें बतलाता है कि स्तेफन पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था एवं ईशवचन को अच्छी तरह समझ रहा था। यही ईश वचन के प्रति आज्ञा पालन था जो शरीर का रूप धारण किया।″

संत पापा ने कहा कि कई तरह के संदेहों और पापों के कारण कई बार हम क्रूस से अपने आपको दूर करना चाहते हैं किन्तु हमारे अंदर येसु की आवाज को सुनने हेतु स्थान होना चाहिए। 

संत पापा ने विश्वासियों से प्रार्थना हेतु आग्रह करते हुए कहा, ″आज, हम येसु की कोमलता पर गौर करें, उनके आज्ञापालन पर उनके महान उदाहरण पर, येसु जिन्होंने हमें जीवन दिया उन्होंने हमारे प्रति, हमारे पापों एवं कमजोरियों के लिए ईश्वर की कोमलता को प्रकट किया।″ हम ईश्वर से प्रार्थना करें कि वे हमारे हृदयों को कोमल बना दें। 








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