लखनाऊ, शनिवार, 22 अप्रैल 2017 (मैटर्स इंडिया): उत्तर प्रदेश के काथलिक धर्माध्यक्षों ने 21 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपने यहाँ स्वागत किया।
लखनाऊ धर्मप्रांत के प्रवक्ता फा. डोनल्ड डिसूजा ने मैटर्स इंडिया को बतलाया कि यह एक शिष्टाचारी मुलाकात थी।
योगी आदित्यनाथ जो एक हिन्दू संन्यासी हैं, भारतीय जनता पार्टी जब राज्य विधान सभा चुनाव जीती, तब वे 19 मार्च को सबसे घनी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री बने।
फा. डोनाल्ड ने कहा कि धर्माध्यक्षों ने इस अवसर का लाभ मुख्यमंत्री से आश्वासन पाने हेतु उठाया कि ख्रीस्तीयों को अपने विश्वास को मानने हेतु पूर्ण स्वतंत्रता एवं सुरक्षा मिले। मुलाकात के इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में आगरा, इलाहाबाद, बरेली, बिजनौर, गोरखपुर, लखनऊ और वाराणसी के धर्माध्यक्ष शामिल थे।
लखनाऊ के धर्माध्यक्ष के नेतृत्व में उपस्थित धर्माध्यक्षों ने कई स्थानीय प्रशासनों द्वारा हस्तक्षेप के कारण शिक्षण संस्थाओं में कठिनाईयों को सामने रखा।
फा. डिसूजा ने बतलाया कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने ख्रीस्तीय समुदाय को आश्वासन दिया है कि कानून को अपने हाथों में लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जायेगी तथा समुदाय को अपने विश्वास को मानने हेतु भय रखने की आवश्यकता नहीं है।
योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के पूर्व लगातार पांच बार गोरखपुर से सांसद रह चुके हैं। पिछली विधानसभा चुनावों में वे अपनी पार्टी के लिए प्रचार अभियान चला रहे थे। वे एक युवा संगठन हिंदू युवा वाहिनी के भी संस्थापक हैं।
उत्तरप्रदेश में ख्रीस्तीयों का एक छोटा समुदाय है जिसमें अधिकांश कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट हैं। उत्तरप्रदेश में ख्रीस्तीयों का प्रदुर्भाव मुग़ल सम्राट अकबर के शासन काल (1556-1605) में हुआ जब अकबर ने गोवा से जेस्विट पुरोहितों को बुलाया तथा उन्हें अपने धर्म के प्रचार की अनुमति दी। राज्य में आज ख्रीस्तीय कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं एवं अस्पतालों का संचालन करते हैं।
All the contents on this site are copyrighted ©. |